कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की संदिग्ध मौत के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। कर्नाटक कैडर के ही एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी ने यह खुलासा किया है। इस अधिकारी का नाम एम एन विजय कुमार है। इन्होने अपने खुलासे और अनुराग की मौत से जुड़े राजों पर से पर्दा उठाने के साथ कुछ अहम् दस्तावेज भी मुख्य सचिव सहित कई अन्य अधिकारियों को सौंपा है। उन्होंने कर्नाटक सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि कर्नाटक में घोटाला उजागर करने वाले अधिकारियों की मौत हो जाती है। अनुराग की मौत भी इसी साज़िश का एक हिस्सा है।

218आईएएस अनुराग तिवारी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि अनुराग ने खाद्य एवं रसद विभाग में 2000 करोड़ रुपये का घोटाला उजागर किया था। जिसके बाद उनके सीनियर अधिकारी उनसे नाराज हो गए थे। अधिकारियों ने उन्हें अपना मुह बंद रखने के लिए पैसों का लालच दिया लेकिन अनुराग ने इंकार कर दिया। जिसके बाद से उन्हें धमकियां मिल रही थी। विजय कुमार ने यह भी बताया कि तीसरे प्रशिक्षण के लिए मसूरी जाने से पहले अनुराग ने घोटाले से सम्बंधित दस्तावेज भी वरिष्ठ अधिकारियों और सरकार को सौंपे थे लेकिन इस पर कोई कारवाई नहीं हुई। उन्होंने कर्नाटक में अपनी तैनाती के दौरान खुद को मिली धमकियों और अपने ऊपर हुए हमलों का भी जिक्र किया है। विजय कुमार ने अनुराग के परिजनों के लिए सुरक्षा की भी मांग की है।

गौरतलब है कि अनुराग तिवारी 2007 बैच के आईएएस अफसर थे। वह मूल रूप से यूपी के बहराइच के रहने वाले  थे। अनुराग तिवारी कर्नाटक में सिविल सप्लाई डिपार्टमेंट में तैनात थे। शुरुआती ख़बरों में बताया जा रहा था कि अनुराग के पारिवारिक संबंध ठीक नहीं थे। पारिवारिक कलह को लेकर वे हमेशा तनाव में रहते थे। अब जबकि यह नया खुलासा हुआ है और अनुराग के परिजनों ने भी सीबीआई जांच की मांग की है ऐसे में यह उम्मीद है कि जल्द ही अनुराग की मौत के रहस्य से पर्दा उठेगा। रिटायर्ड आईएएस के इस खुलासे के बाद अनुराग की मौत के पीछे किसी बड़ी साज़िश की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। उनके अधिकारियों के साथ लखनऊ में उनके साथ रहने वाले मित्र और पोस्टमार्टम के दौरान अस्पताल में डॉक्टरों के अलावा मौजूद एक अन्य शख्स पर शक की सुई गहरी होती जा रही है। इस मामले में पुलिस के सामने यह बयान और कुछ दस्तावेज हैं जो अँधेरे में सुराग ढूंढ रही जांच एजेंसियों के लिए मददगार साबित हो सकती हैं।

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