रक्षा मंत्रालय ने एक अहम कदम उठाते हुए भारतीय नौसेना को हेलीकॉप्टर खरीदने की मंजूरी दे दी है। यह अहम फैसला रणनीतिक साझेदारी मॉडल के तहत लिया गया है, जिसमें नौसेना को कुल 111 हेलिकॉप्टर मिलेंगे। हालांकि इसके लिए नौसेना को 21,738 करोड़ रुपए भुगतान करना होगा। इसके अलावा मंत्रालय ने नौसेना को 9 एक्टिव टोड ऐरे सोनार प्रणाली खरीदने के लिए भी 450 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इन सोनार प्रणालियों से युद्ध के समय दुश्मन देश के पनडुब्बियों का पता लगाने में मदद मिलेगी।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, जो लंबे समय से लटकी हुई थी। रक्षा सूत्रों ने बताया कि 16 निर्मित हेलीकॉप्टर खरीदे जाएंगे, जबकि बाकी बचे 95 हेलीकॉप्टरों का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारत में ही किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि यह सौदा रणनीतिक साझेदारी मॉडल के तहत होगा, जिसमें विदेशी हेलीकॉप्टर विनिर्माता कंपनी किसी भारतीय कंपनी के साथ भारत में ही इन हेलीकॉप्टरों का निर्माण करेगी। केंद्र सरकार ने रणनीतिक साझेदारी मॉडल की शुरुआत मई में की थी, जिसके तहत यह पहला बड़ा सौदा होगा।
रक्षा मंत्रालय का यह फैसला तीन प्रमुख वजहों से अहम माना जा रहा है। पहला, भारतीय नौसेना के पास शुरू से ही अच्छे और बड़े हेलीकॉप्टरों की कमी है। वहीं दूसरी तरफ यह सौदा भारत का हिंद महासागर में स्थिति को मजबूत करेगा। गौरतलब है कि चीन लगातार हिंद महासागर में अपनी स्थिति को मजबूत करता जा रहा है। चीन के जंगी बेड़े और पनडुब्बियां हिंद महासागर में अक्सर कराची और ग्वादर से आवाजाही करती हुई नजर आती हैं।
इसके अलावा इस कदम से नौसेना के आधुनिकीकरण का रास्ता भी खुलेगा। अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने नौसेना के आधुनिकीकरण को मंजूरी दी है। अब भारत अपने समुद्री और तटीय इलाकों पर निगरानी के लिए अमेरिका से ड्रोन खरीदने पर भी विचार कर रही है।