Maharashtra Political Crisis: जैसे-जैसे लोकसभा 2024 का समय नजदीक आ रहा है। वैसे-वैसे ही राजनीति दलों में गठजोड़ और गहमागहमी भी तेज होती जा रही है।ऐसे में भारतीय जनता पार्टी कमर कसकर चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का दावा कर रही है।दूसरी तरफ विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए पूरी जोर आजमाइश करने में जुटे हैं।
इसी कड़ी में महाराष्ट्र की सियासत में भी उलटफेर बना हुआ है। हाल में ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में अजित पवार के नेतृत्व में हुई बगावत के बाद हालात और भी बदल गए हैं।ऐसे में अजित पवार को साध लेना बीजेपी के लिए कितना फायदेमंद होगा आइए जानने की कोशिश करते हैं।
बागी अजित पवार जब प्रफुल्ल पटेल और छगन भुजबल के साथ शिंदे सरकार में शामिल हुए तो कयास ये लगाए गए कि उन्होंने ईडी के डर में ऐसा किया। लेकिन सिर्फ अजित पवार को ही बीजेपी की जरूरत नहीं है, पिछले कुछ समय में तैयार हुआ राजनीतिक माहौल बताता है कि बीजेपी को भी 2024 के लिए अजित पवार की जरूरत है।
Maharashtra Political Crisis: कई राज्यों में कमजोर हुई भाजपा
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना ने 2019 में राज्य की 48 लोकसभा सीटों में 41 पर कब्जा जमाया था।लंबे समय तक राज्य में सरकार चलाने वाली कांग्रेस को सिर्फ 1 सीट मिली, जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी 4 सीटें जीतने में सफल रही।1 सीट ओवैसी की आईएमआईएम के खाते में गई।
ऐसे में भाजपा के लिए इन राज्यों में राह आसान नहीं है।खासतौर पर शिवसेना दो गुटों में बंट चुकी है और एक गुट बीजेपी के साथ है, लेकिन जनता किसके साथ है, इसका पहला टेस्ट लोकसभा चुनाव में ही हो जाएगा। हिंदी पट्टी, खासतौर पर यूपी में बीजेपी अपने सबसे कामयाब दौर में हैं। पूर्वोत्तर, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में उसके लिए बहुत ज्यादा बढ़ना मुश्किल होगा। दक्षिण भारत अभी भी टेढ़ी खीर बना हुआ है।
Maharashtra Political Crisis: सर्वे ने बढ़ाई बीजेपी की टेंशन
Maharashtra Political Crisis: बीजेपी के लिए अपने पुराने गढ़ों को मजबूत करना सबसे जरूरी है। सीटों के लिहाज से देखें तो महाराष्ट्र इसमें पहले नंबर पर है।एक संस्था की ओर से कराए गए ताजा सर्वे में पता लगा था कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन महाराष्ट्र में 34 सीट जीत सकता है। इसका सीधेतौर पर मतलब है कि बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) को 14 सीटें मिलने वाली हैं। यही वजह है कि भाजपा ने अजित पवार खेमे को साधने की कोशिश की।अजित पवार के साथ प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटिल जैसे दिग्गज भी हैं, जो एनसीपी की रीढ़ कहे जाते हैं। ऐसे में 2024 के पहले इसे बीजेपी के लिए बड़ी सफलता माना जा सकता है।
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