Maharashtra के अहमदनगर में सिविल अस्पताल के ICU (इंटेंसिव केयर यूनिट) में आज सुबह भीषण आग लगने से 11 मरीजों के मौत की खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि आग ने अस्पताल के Covid-19 वॉर्ड को पूरी तरह से चपेट में ले लिया। जिसके कारण ग्यारह मरीजों की झुलसे से मौत हो गई। वहीं एक की हालत गंभीर है जबकि 5 अन्य जख्मी हैं।
इस मामले में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि जिला कलेक्टर की अगुवाई में एक कमेटी मामले की जांच करेगी और एक हफ्ते के भीतर उस रिपोर्ट को सौंपेगी। वहीं सरकार की ओर से मृतक मरीजों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उनके परिजनों को 5 लाख रूपये की सहायता राशि की भी घोषणा की गई है।
इस कोरोना वार्ड में कुल 25 मरीज भर्ती थे। आग के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने संभावना जताई की बिजली के शॉर्ट सर्किट से आग लगी होगी। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने तुरंत आग को बुझा दिया है। आग पर काबू पाने के लिए मौके पर भेजी गई 4 दमकल गाड़ियां अब भी अस्पताल परिसर में मौजूद हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों से अपनी संवेदनाएं प्रगट की है। मुख्यमंत्री ने मृतकों और पीड़ितों घायलों के संबंध में जरूरी दिशानिर्देश जारी किया है।
शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने की संभावना
घटना में 11वें मरीज की मौत से पहले मामले में जानकारी देते हुए जिला कलेक्टर डॉ. राजेंद्र भोसले ने 10 मरीजों के मौत की पुष्टि की थी। उन्होंने बताया कि जिस बिल्डिंग में आग लगी है, उसका फायर ऑडिट किया गया था। उन्होंने कहा कि आग के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन दमकल विभाग की शुरुआती जांच से पता चलता है कि आग बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी।
इस मामले में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि सिविल अस्पताल में उस ICU को कोरोनोवायरस मरीजों के इलाज के उद्देश्य से बनाया गया था और यह दुखद है कि वहां आग लग गई है।
इसके आगे मलिक ने कहा कि हमने सभी अस्पतालों को “फायर ऑडिट” करने का आदेश जारी कर दिया है और इस संबंध में अहमदनगर सिविल अस्पताल की रिपोर्ट की जांच की जाएगी और पूरी जांच की जाएगी। इस घटना में जो भी दोषी होंगे उनके ख़िलाफ़ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।
कोरोना काल में सबसे ज्यादा लगी है अस्पतालों में आग
गौरतलब है कि कोरोना काल में अकेले महाराष्ट्र में अस्पतालों में लगी आग के कारण सैकड़ों मरीजों की जान जा चुकी है। इससे पहले 9 जनवरी को भंडारा जिला अस्पताल में आग लगने के कारण 10 नवजात बच्चों की जलकर मौत हो गई थी। वहीं 26 मार्च को मुंबई के भांडुप इलाके में स्थित ड्रीम्स मॉल में अवैध तरीके से चल रहे सनराइज अस्पताल में आग लगने से कुल 9 कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी।
मुंबई से सटे विरार में विजय वल्लभ अस्पताल में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी आग में 13 कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी। महाराष्ट्र के नासिक में ऑक्सीजन सिलेंडर लीक होने के कारण 24 लोगों की मौत हो गई थी। राज्य में कोरोना के कारण लोगों की मौते तो हुई हैं लेकिन प्रशासन की लापरवाही का कारण भी सैकड़ों मरीजों को अपनी जान गंवा पड़ी हैं।
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