Land Deal Case: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा को एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से समन भेजा गया है। यह समन उनके खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत लैंड डील मामले से जुड़ा है। ED ने उन्हें आज, यानी 15 अप्रैल को पेश होने के लिए कहा था। इससे पहले 8 अप्रैल को भी एजेंसी ने उन्हें तलब किया था, लेकिन तब वाड्रा हाजिर नहीं हुए थे।
आज की पूछताछ 2018 में दर्ज एक केस से जुड़ी है, जो गुरुग्राम की एक जमीन डील से संबंधित है। मामला स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और डीएलएफ के बीच 3.5 एकड़ जमीन के हस्तांतरण का है, जिसमें धोखाधड़ी और नियामक उल्लंघनों का आरोप है।
वाड्रा पर क्या हैं आरोप
इस केस की शुरुआत 2011 में तब हुई जब अरविंद केजरीवाल ने उन पर आरोप लगाए थे कि वाड्रा ने DLF लिमिटेड से 65 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त लोन लिया था और बदले में उन्हें ज़मीन दी गई थी। केजरीवाल ने इसे राजनीतिक लाभ से जोड़कर देखा था।
ED दफ्तर पहुंचे पैदल
समन के बाद रॉबर्ट वाड्रा अपने घर से पैदल ही प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर पहुंचे। वहां मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह सब ‘राजनीतिक बदले की भावना’ से किया जा रहा है। उनका कहना था, “जब भी मैं जनता की बात करता हूं या उनके समर्थन में खड़ा होता हूं, तब मुझे डराने की कोशिश होती है… लेकिन मैंने हमेशा हर सवाल का जवाब दिया है और आगे भी देता रहूंगा।”
राजनीतिक सफर को लेकर वाड्रा फिर चर्चा में
अंबेडकर जयंती के मौके पर, रॉबर्ट वाड्रा ने एक बार फिर राजनीति में आने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि अगर लोगों का समर्थन मिला तो वे राजनीति में आने के लिए पूरी ताकत से प्रयास करेंगे। हालांकि, इससे पहले भी वे कई बार संकेत दे चुके हैं कि राजनीति में कदम रखने का उनका इरादा है।