Lakhimpur Kheri Violence के कथित आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की पुलिस कस्टडी के मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। फैसले के तहत कोर्ट ने कथित आरोपी आशीष मिश्रा को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
इससे पहले मामले में सुनवाई के लिए आज पुलिस ने आशीष मिश्रा को कोर्ट में पेश किया। पुलिस आशीष मिश्रा के तीन दिन के रिमांड की मांग कर रही थी। वहीं मामले में आशीष मिश्रा के वकील का कहना था कि हम कोर्ट में तीन दिन के पुलिस रिमांड का विरोध करेंगे।
दूसरी तरफ पुलिस की ओर से दलील दी गई कि चूंकि आशीष मिश्रा ने जांच में सहयोग नहीं किया और उनसे सिर्फ 11 घंटे ही पुछताछ हो पाई। जबकि अभी बहुत से सवालों के जवाब पुलिस को नहीं मिल पाये हैं। ऐसे में पुलिस आरोपी आशीष मिश्रा के 14 दिन की रिमांड चाहती है लेकिन कोर्ट ने 3 दिन की रिमांड दी।
मालूम हो कि आशीष मिश्रा पर कथिततौर पर यह आरोप है कि उन्होंने 3 अक्तूबर को लखीमपुर खीरी में किसान तीनों कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें 8 किसानों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर कई आपत्तिजनक वीडियो भी सामने आये हैं। जिसके कारण जनता के बीच इस घटना को लेकर खासा रोष है।
मामले में यूपी पुलिस पर भी उठ रहे हैं सवाल
इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की भूमिका को लेकर भी तरह-तरह के प्रश्न उठ रहे हैं। दरअसल घटना तीन अक्तूबर को हुई थी और 9 अक्तूबर तक पुलिस ने किसी भी संदिग्ध आरोपी से कोई पूछताछ नहीं की और न ही किसी को गिरफ्तार किया।
जिसके बाद कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी समेत लगभग सभी विपक्षी दलों ने घटना का वीडियो जारी होने के बाद योगी सरकार की कड़ी आलोचना की। जिसके बाद यूपी पुलिस की एसआईटी की नींद खुलती है और वह आशीष मिश्रा की तलाश शुरु करती है।
पुलिस ने पहले उनके घर जाकर नोटिस देकर उन्हें थाने में पेश होने के लिए कहा लेकिन मिश्रा दो दिन तक पुलिस के साथ चोर पुलिस खेलते रहे। जब अफवाह उड़ने लगी कि मिश्रा नेपाल भाग गया है। तभी 10 अक्टूबर को बड़े ही नाटकीय ढंग से आशीष मिश्रा एक बीजेपी एमएलए के स्कूटर पर सवार होकर मुंह बांधे पुलिस स्टेशन पहुंच जाते हैं।
पुलिस पूछताछ में आशीष मिश्रा नहीं कर रहे थे सहयोग
आशीष मिश्रा पुलिस स्टेशन तब पहुंचते हैं जब उन्हें पुलिस आखिरी दिन देती है पेश होने के लिए। पुलिस उनसे 11 घंटे पूछताछ करती है। इस बीच यह भी खबर आती है कि 11 घंटे के बीच पुलिस उन्हें 8 बार चाय और नाश्ता कराती है।
पूछताछ में मिश्रा जी पुलिस को खूब घूमाने की कोशिश करते हैं। पर जब घटना के समय की बात होती है तो वह फंस जाते हैं। यहीं से उनके जेल जाने का सफर शुरु होता है।
अपनी बेगुनाही का सबूत देने में जब आशीष मिश्रा फेल हो जाते हैं तो उन्हें न्यायालय ले जाया जाता है और वहां से उन्हें जेल भेजा जाता है। अगले दिन रविवार होने के चलते कोर्ट बंद रहता है। सोमवार को पुलिस की तरफ से तीन दिन पुलिस रिमांड के लिए पुलिस की तरफ से अर्जी देती है। आज इस मामले पर सुनवाई होने वाली है।
इन तीन कारणों से पुलिस ने Ashish Mishra को किया गिरफ्तार
- आशीष मिश्रा ने बोला था कि जब घटना घटी तो वो कुश्ती के दंगल में थे जो उस घटना स्थल से 4-5 किलोमीटर दूर था, पर दंगल में मौजूद लोगों और पुलिस से पता चला कि वो वहां नहीं थे।
- घटना के समय उसके मोबाइल टावर की लोकेशन घटना स्थल के अंदर और आस-पास की थी।
- उसके साथियों द्वारा किये FIR में किसानों को 3 लोगों की हत्या का जिम्मेदार बताते हुए बताया गया था कि थार ड्राइवर चला रहा था।
- ड्राइवर की मृत्यु हो चुकी थी जिसने पीला कपड़ा पहना हुआ था, पर वीडियो में सफेद कपड़े पहना व्यक्ति थार चला रहा था।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा बेटे को बता रहे हैं बेगुनाह
इस पूरे मामले में जितनी निंदा योगी सरकार की हुई। उतनी ही निंदा केंद्र की मोदी सरकार की भी हुई। विपक्षी नेता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा से इस्तीफा मांग रहे हैं लेकिन विपक्ष की इस मांग का केंद्र सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा है। वहीं अजय मिश्रा अपने पूरे प्रभाव से बेटे आशीष मिश्रा को बेगुनाह साबित करने में जुटे हुए हैं।
वह बार कह रहे हैं कि घटना के वक्त उनका बेटा वहां पर नहीं था। गौरतलब है पूरे देशभर में तीनों कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश का मिनी पंजाब कहा जाने वाला लखीमपुर खीरी में किसान रविवार को तीनों कृषि कानून को लेकर विरोध कर रहे थे।
आरोप है कि उसी समय कथित तौर पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने किसानों को कुचल दिया जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई। इस घटना में एक स्थानीय पत्रकार समेत 2 बीजेपी नेताओं की मौत हुई है।
Rahul Gandhi-Priyanka Gandhi समेत पांच नेताओं को मिली लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत