Lakhimpur Kheri: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है और सियासत भी जोर पकड़े हुए है। बुधवार को सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रियंका गांधी समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का संघर्ष इसलिए नहीं देख पाई क्योंकि वे कमरे में बंद थीं।
‘दूसरी पार्टियों के नेताओं पर उंगली उठाने का आपको कोई हक नहीं’
दरअसल, सीतापुर में हिरासत में लिए जाने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी मैदान में संघर्ष करती नहीं दिखतीं। इस बारे में अखिलेश यादव ने कहा, ‘वो कमरे में बंद थीं, नहीं पता होगा उनको। सबसे ज्यादा संघर्ष समाजवादियों ने किया है। सबसे ज्यादा लाठी समाजवादियों को पड़ी हैं। इसलिए किसी को टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है कि कौन क्या कर रहा है। आप क्या कर रहे हैं, ये आपको बताना चाहिए। दूसरी पार्टियों के नेताओं पर उंगली उठाने का आपको कोई हक नहीं है।’
राहुल, प्रियंका को लखीमपुर खीरी जाने की मिली इजाजत
वहीं, लखीमपुर खीरी मामले के तूल पकड़ने के बाद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और तीन अन्य नेताओं को लखीमपुर जाने की इजाजत मिल गयी है। योगी सरकार ने इस बाबत 5-5 राजनेताओं को मौके पर जाने की इजाजत दे दी है। यूपी सरकार के गृह विभाग ने कहा है, ‘राज्य सरकार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और तीन अन्य लोगों को लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत दे दी है।’
लखीमपुर खीरी हिंसा पर एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा: राज्य सरकार ने अब पांच के समूहों में लोगों को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति दी है। जो कोई भी वहां जाना चाहता है वह अब जा सकता है। राज्य सरकार ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबंध लगाए थे, न कि किसी भी आंदोलन को प्रतिबंधित करने के लिए। पुलिस मामले की विस्तृत जांच करेगी और किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।
चार किसानों समेत आठ लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि रविवार को कारों के काफिले द्वारा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचलने के बाद हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी। यूपी पुलिस ने अब तक राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य विपक्षी नेताओं को लखीमपुर खीरी जाने से और उन चार किसानों के परिवारों से मिलने से रोके रखा था, जिनको कथित तौर पर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा द्वारा कुचल दिया गया था।