भारत का विदेश मंत्रालय, मध्यप्रदेश सरकार के साथ मिलकर इंदौर में 08-10 जनवरी 2023 तक 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन (Pravasi Bharatiya Divas) आयोजित कर रहा है। 2023 में चार साल के अंतराल के बाद आयोजित किए जा रहे इस सम्मेलन का विषय “प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के विश्वसनीय भागीदार” “Diaspora: Reliable Partners for India’s Progress in Amrit Kaal” है। 2023 के सम्मेलन के लिए लगभग 70 विभिन्न देशों के 3,500 से अधिक प्रवासी सदस्यों ने अपना पंजीकरण कराया है।
क्यों 9 जनवरी को ही मनाया जाता है Pravasi Bharatiya Divas?
भारत के विकास में प्रवासी भारतीयों के योगदान को देखते हुए हर साल 9 जनवरी को ‘प्रवासी भारतीय दिवस’ का आयोजन किया जाता है। वहीं, इसी दिन वर्ष 1915 में महात्मा गांधी, जिन्हें भारत का सबसे महान प्रवासी माना जाता है, दक्षिण अफ्रीका से वापस भारत वापिस आये थे और उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करते हुए भारतीयों के जीवन को हमेशा के लिये बदलकर रख दिया।
प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) सम्मेलन को प्रत्येक दो वर्ष में आयोजित किया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा पहली बार 2002 में तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी।
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क्या बोले अतिथि?
इंदौर (Indore) मे आयोजित किए जा रहे कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि ये ‘सम्मेलन चार वर्षों के बाद अपने मूल स्वरूप में, पूरी भव्यता के साथ लौट रहा है। अपनों के साथ आमने-सामने की मुलाकात, आमने-सामने की बात करने का अलग ही आनंद और महत्व होता है। पीएम ने कहा कि मुझे यकीन है कि आप यहां के अनुभव को नहीं भूलेंगे इसके साथ ही औरों को भी यहां आने के लिए कहेंगे।
वहीं गुयाना (Guyana) के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने मध्यप्रदेश और इंदौर का आभार जताते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का भी कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए आभार जताया।

कार्यक्रम में बोलते हुए विशेष अतिथि सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी ने कहा कि- जननी और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है। सूरीनाम (Suriname) की जनता की ओर से मैं मध्यप्रदेश और भारत सरकार का धन्यवाद देता हूं जिन्हे मुझे और मेरे प्रतिनिधिमंडल को इतना आदर-सत्कार दिया। संतोखी ने आगे कहा कि जो आदर-सत्कार मुझे और मेरे प्रतिनिधिमंडल को मिल यह सम्मेलन हम दोनों देशों के आपसी सहयोग को बढ़ाने में मददगार साबित होगा।
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कौन-कौन ले रहें हैं इस बार हिस्सा?
09 जनवरी 2023 को, पीबीडी सम्मेलन का उद्घाटन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। वहीं 8 जनवरी 2023 को इस कार्यक्रम को ऑस्ट्रेलिया की संसद सदस्य जनेटा मैस्करेनहास युवा प्रवासी भारतीय दिवस में सम्मानित अतिथि थी। इसके अलावा मुख्य अतिथि के रुप में गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली, वहीं, विशिष्ट अतिथि के रूप में सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी हिस्सा ले रहें हैं। कार्यक्रम को 10 जनवरी 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार 2023 प्रदान करेंगी और समापन सत्र की अध्यक्षता करेंगी।
प्रवासी भारतीय सम्मान (Pravasi Bharatiya Samman)
हर साल प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार को चुनिंदा भारतीय प्रवासी सदस्यों को उनकी उपलब्धियों को पहचानन के साथ-साथ ही भारत और विदेश दोनों में विभिन्न क्षेत्रों में उनके अतुलनीय योगदान का सम्मान करने के लिए दिया जाता है।
क्यो नया होगा इस बार?
इस वर्ष सुरक्षित, कानूनी, व्यवस्थित और कुशल प्रवासन के महत्व को रेखांकित करने के लिए एक स्मारक डाक टिकट ‘सुरक्षित जाएं, प्रशिक्षित जाएं’ भी जारी किया गया। प्रधान मंत्री मोदी ने कार्यक्रम के दौरान भारत की आजादी में हमारे डायस्पोरा की भुमिका को उजागर करने के लिए “आजादी का अमृत महोत्सव – भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में डायस्पोरा का योगदान” विषय पर पहली बार डिजिटल पीबीडी प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। इसके साथ ही भारत की मौजूदा G20 अध्यक्षता को देखते हुए G20 का एक विशेष टाउन हॉल भी 09 जनवरी 2023 को ही आयोजित किया जाएगा।

भारत द्वारा अपने निवासियों के लिए की गई पहलें
2020 में आई कोरोना वायरस महामारी के दौरान भारत ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत कुल 45 लाख प्रवासी भारतीयों को वापस देश लाया गया था। महामारी के कारण भारत वापस लौटने वाले नागरिकों का कौशल (Skills) को लेकर एक नई पहल ‘स्वदेस’ (SWADES- Skilled Workers Arrival Database for Employment Support) की शुरुआत की थी। वहीं पिछले साल ही विदेश मंत्रालय ने दुनिया भर में लगभग 3.20 करोड़ भारतीय प्रवासियों के साथ जुड़ने के लिये ‘ग्लोबल प्रवासी रिश्ता’ पोर्टल भी लॉन्च किया था।
प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार
प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार को गैर-निवासी भारतीयों (NRIs), भारतीय मूल के लोगों या फिर उनके द्वारा स्थापित किए गए एवं चलाये जा रहे ऐसे संगठन या फिर संस्थानों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है, जिन्होंने विदेशों में भारत के प्रति बेहतर समझ विकसित करने में अतुलनीय योगदान दिया हो और सामुदायिक कार्य, स्थानीय भारतीय समुदाय के कल्याण, परोपकारी (Philanthropy) और धर्मार्थ कार्य के कारणों और चिंताओं को मूर्त रूप देने में सहयोग दिया हो।
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