रूस और अमेरिका के रिश्तों में एक बार फिर दरार पड़ने लगी है। दरार नहीं यहां तो नफरत की दीवार खड़ी होने लगी है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन के रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन को ‘हत्‍यारा’ बताए जाने के बाद दोनों के रिश्ते खत्म होने की कगार पर हैं। वहीं ये भी कहा जा रहा है कि, शीतयुद्ध की और रूस और अमेरिका बढ़ने लगा है।

अमेरिका ने अपने राजदूत को रूस से वापस बुलाकर शीतयुद्ध का संकेत दे दिया है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने वॉशिंगटन में मौजूद अपने राजदूत को ‘सलाह’ के लिए वापस बुला लिया है। बाइडेन प्रशासन के आने के बाद से ही अमेरिका में रूस के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।

दरअसल ताजा तनाव उस समय भड़का जब अमेरिका के खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस ने वर्ष 2020 में हुए राष्‍ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया था। अमेरिका ने यह आरोप तब लगाया है जब उसने अलेक्‍सी नवेलनी को जहर दिए जाने के बाद रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिया था। इन प्रतिबंधों में रूसी खुफिया सेवा एफएसबी शामिल थी।

इसके बाद अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने पुतिन हत्‍यारा करार दिया और कहा कि रूसी राष्‍ट्रपति को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। इस बयान को रूसी राष्ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने खारिज किया है।

इससे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने रूसी राष्‍ट्रपति की तारीफ की थी और उनका पक्ष भी लिया था।

इस बीच राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को एबीसी के कार्यक्रम ‘गुड मार्निंग अमेरिका’ पर प्रसारित एक साक्षात्कार में कहा कि पुतिन के गलत कामों के नतीजे सामने आयेंगे और ‘वह जो कीमत अदा करने जा रहे है, आप जल्द ही देखेंगे।’ पिछले महीने पुतिन के साथ अपनी पहली कॉल को याद करते हुए जिसमें उन्होंने पुतिन से कहा था, ‘‘हम एक दूसरे को समझते हैं।’’क्रेमलिन ने बुधवार को रिपोर्ट में लगाये गये आरोपों को खारिज किया।

गौरतलब है कि, इससे पहले वर्ष 1988 में रूस ने इराक में संयुक्‍त हमले के विरोध में अमेरिका और ब्रिटेन से अपने राजदूत को वापस बुला लिया था। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इसका कुछ खास असर नहीं पड़ा था। इससे पहले अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में कहा गया था कि पुतिन ने अमेरिका में गत नवंबर में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में ट्रंप की मदद करने के अभियानों को मंजूरी दी थी।