आज दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में शहीद भगत सिंह की जयंती के अवसर पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद के सदस्य Kanhaiya Kumar और समाजिक कार्यकर्ता और गुजरात की वडगाम विधानसभा से विधायक Jignesh Mewani भारतीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए हैं।
हालांकि जिग्नेश आधिकारिक रूप से पार्टी में अभी नहीं आए है। इस दौरान गुजरात से कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल, पार्टी के महासचिव K. C. Venugopal और वरिष्ठ नेता Randeep Surjewala भी मौजूद थेे। इससे पहले दोनों युवा नेता कांग्रेस नेता Rahul Gandhi के साथ शहीद-ए-आज़म भगत सिंह पार्क भी पहुँचे थेे।
कांग्रेस के लिए देश के लिए जरूरी है : कन्हैया कुमार
कांग्रेस के सिपाही बनने के बाद कन्हैया कुमार ने अपनी पहली पत्रकार वार्ता में कहा कि आज गांधी की एकता, आम्बेडकर की समानता और भगत सिंह के साहस की ज़रूरत है। उन्होंनेे यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी में ही देश को बचाने की क्षमता है।
गुजरात की वडगाम विधानसभा से विधायक जिग्नेश मेवानी ने कहा कि वो आधिकारिक रूप से अभी कांग्रेस पार्टी में नहीं आए क्योंकि वो गुजरात के निर्दलीय विधायक और इससेे उनकी सदस्यता को खतरा पड़ जाएगा। हालांंकि वो वैचारिक रूप से कांग्रेस के हाथ के साथ है।
JNU देशद्रोह विवाद से कन्हैया कुमार चर्चा में आए थे
2016 मेंं कन्हैया कुमार काे दिल्ली पुलिस ने JNU परिसर में एक कार्यक्रम में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया था। यह कार्यक्रम JNU के छात्रों द्वारा संसद हमले के दोषी अफजल गुरु (Afzal Guru) की फांसी की दूसरी वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित किया गया था। कुमार ने देश की अखंडता के खिलाफ किसी भी तरह के नारे लगाने से इनकार किया था। कन्हैया कुमार ने 2019 के आम चुनाव के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर बेगूसराय से चुनाव लड़ा था। उस चुनाव में 269,976 वोट और 22.03% वोट शेयर के साथ वह चुनाव हार गए थे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) से 422,217 मतों से हारकर दूसरा स्थान हासिल किया था।
गुजरात के उभरते हुए नेता मेवाणी
जिग्नेश मेवाणी ने गुजरात विधानसभा चुनाव की अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित वडगाम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। इस निर्वाचन क्षेत्र में दलितों की एक बड़ी आबादी है। मेवाणी ने अन्य दलों से निर्वाचन क्षेत्र में उम्मीदवार नहीं उतारने की अपील की थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों को वापस ले लिया था और दोनों दलों ने मेवाणी के लिए अपने समर्थन की घोषणा की थी। उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार ऐश मेवाणी को 18,000 से अधिक मतों से चुनाव हराया था।