Jitan Ram Majhi ने श्रीराम को लेकर एक बार फिर विवादास्पद बयान दिया है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने भगवान राम को एक काल्पनिक चरित्र बताया है, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने महर्षि वाल्मीकि को श्रीराम से बड़ा भी बताया है। पूर्व सीएम जीतन राम माझा ने यह विवादित बयान दिल्ली में अपने हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में दिया।
विवादित बयान को बताया निजी विचार
हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने बैठक में कहा कि रामायण के रचनाकार महर्षि वाल्मीकि राम से हजारों गुना बड़े थे। लेकिन इसके बाद उन्होंने साथ में यह भी जोड़ दिया कि यह मेरा निजी विचार है और मेरा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना नहीं है।
पहले भी रामायण को काल्पनिक ग्रंथ बता चुके हैं
इससे पहले पिछले जीतन राम माझी ने बीते सितंबर में रामायण को लेकर ही विवादित टिप्पणी की थी। जब पटना में पत्रकारों ने उनसे मध्य प्रदेश की तरह बिहार के स्कूली पाठ्यक्रम में रामायण को शामिल करने के विषय में उनसे राय जाननी चाही थी। तब जीतन राम माझी ने बिहार के स्कूली पाठ्यक्रम में रामायण को शामिल पर सहमती देते हुए कहा कि रामायण की कहानी सत्य पर आधारित नहीं है। श्रीराम महापुरुष थे, वह इस बात को कभी भी नहीं मानते। इसके साथ ही उन्होंने रामायण को वास्तविकता से दूर एक काल्पनिक ग्रंथ बताया था।
सांसदों पर एससी-एसटी के झूठे प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव जीतने का लगाया आरोप
पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जीतन राम मांझी ने केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद एसपी सिंह बघेल और जे शिवाचार्य महास्वामीजी, कांग्रेस के सांसद मोहम्मद सादिक, तणमूल कांग्रेस की अपरूपा पोद्दार और साथ ही निर्दलीय सांसद नवनीत रवि राणा पर एससी-एसटी के फर्जी प्रमाणपत्रों के बल पर चुनाव लड़ने का आरोप लगाया।
इसके साथ ही जीतन राम मांझी ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के घोटाले और उसके बल लोगों के द्वारा नौकरी पाने की भी बात की। उन्होंने दावा किया कि अनुसूचित जाति के लोगों को नौकरियों और यहां तक कि स्थानीय निकाय चुनावों में भी 15 से 20 प्रतिशत कोटा लाभ जाली जाति प्रमाण पत्र के आधार पर दूसरों द्वारा हड़प लिया जाता है।
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