राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को बुधवार को बड़ा झटका लगा। राजस्थान के मारवाड क्षेत्र में प्रभाव रखने वाले पार्टी विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र के भाजपा विधायक आशीष देशमुख ने भी कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। इस खबर की पुष्टि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने की है।
दिल्ली: पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे ने ज्वाइन किया कांग्रेस, कहा- मैं सुबह राहुल गांधी @RahulGandhi से मिला और उन्होंने मेरा स्वागत किया। मुझे विश्वास है कि मेरे समर्थक अपना समर्थन जारी रखेंगे।#ManvendraSingh
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) October 17, 2018
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने आवास पर मानवेंद्र सिंह तथा आशीष देशमुख को पार्टी की सदस्यता दिलाई। कांग्रेस महा सचिव अशोक गहलोत, राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट, पार्टी के राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे तथा कई अन्य प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा।
इसके बाद में कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अशोक गहलोत और रणदीप सुरजेवाला ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राहुल गांधी ने उम्मीद जताई है कि पूर्व सांसद तथा राजस्थान विधानसभा के सदस्य मानवेंद्र सिंह के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी को फायदा होगा।
Congress President, @RahulGandhi welcomes Shri Manvendra Singh into the INC family. pic.twitter.com/9NQ6gJWT46
— Congress (@INCIndia) October 17, 2018
मानवेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि वह और उनके साथी स्वाभिमानी हैं और वे कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए पूरी ताकत के साथ काम करेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि कांग्रेस के लिए उपयोगी साबित होंगे।
पायलट ने दावा किया कि राजस्थान में कांग्रेस की स्थिति अच्छी है और मानवेंद्र के शामिल होने से पार्टी को लाभ होगा।
बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से विधायक मानवेंद्र सिंह ने बीते 22 सितंबर को बाड़मेर में रैली कर भाजपा छोड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि ‘कमल का फूल, हमारी भूल’ रही। वहीं, उनकी पत्नी चित्रा सिंह ने सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया था।
गौरतलब है कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जसवंत सिंह को टिकट नहीं दिया था। इससे उनको निर्दलीय ही चुनाव लड़ना पड़ा था। उस चुनाव में जसवंत सिंह हार गए थे। उसी समय से जसवंत सिंह का परिवार भाजपा से नाराज चल रहा है।