तिरंगे को लेकर महबूबा मुफ्ती के विवादित बयान के कारण घाटी में बवाल मचा हुआ है। बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने महबूबा मुफ्ती के खिलाफ नारेबाजी की, साथ ही रविवार को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने जम्मू में पीडीपी के कार्यालय के बाहर नारेबाजी की थी। पीडीपी के दफ्तर के बाहर तिरंगा फहराया गया, ABVP, बीजेपी से जुड़ा ही एक छात्र संगठन है।
कुपवाड़ा के बीजेपी कार्यकर्ता श्रीनगर की मशहूर लाल चौक पहुंचे और तिरंगा फहराने की कोशिश की। लाल चौक के क्लॉक टावर पर कुपवाड़ा के बीजेपी कार्यकर्ता पहुंचे, हालांकि पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। चार बीजेपी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। बीजेपी की ओर से सोमवार को तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी।
महबूबा मुफ्ती ने बयान दिया था, ‘मैं जम्मू-कश्मीर के अलावा दूसरा कोई झंडा नहीं उठाऊंगी। जिस वक्त हमारा ये झंडा वापस आएगा, हम उस (तिरंगा) झंडे को भी उठा लेंगे। मगर जब तक हमारा अपना झंडा, जिसे डाकुओं ने डाके में ले लिया है, तब तक हम किसी और झंडे को हाथ में नहीं उठाएंगे। वो झंडा हमारे आईन का हिस्सा है, हमारा झंडा तो ये है। उस झंडे से हमारा रिश्ता इस झंडे ने बनाया है।’
जम्मू-कश्मीर में पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत कई पार्टियों ने मिलकर एक बार फिर अनुच्छेद 370 को वापस लाने की मांग बुलंद की है। पार्टियों की ओर से एक गठबंधन बनाया गया है, गुपकार समझौता किया गया है। जिसका मकसद दोबारा 370 को वापस लागू करवाना है।
जम्मू कश्मीर में विशेष राज्य का दर्जा देने वाली अनुच्छेद 370 (Article-370) खत्म करने के साथ ही 5 अगस्त 2019 से महबूबा मुफ्ती नजरबंदी में थीं। इन्हें 13 अक्तूबर को आजाद कर दिया गया था। महबूबा 14 महीने नजरबंद थी। नजरबंदी से मुक्ती मिलते ही सरकार की खिलाफत पर उतर आई हैँ।
पीडीपी ने अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर के मोदी सरकार को संविधान खत्म करने वाली सरकार बताया है। उन्होंने ट्वीट कर के लिखा बीेजेपी इस देश का संविधान खत्म कर के अपने पार्टी का घोषणापत्र लागू करना चाहती है।