आखिरकार मणिपुर की सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने अपनी गृहस्थी बसा ली। उन्होंने गुरूवार सुबह सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय में विशेष विवाह अधिनियम के तहत अपने विदेशी दोस्त डेसमंड कुटिन्हो से विवाह कर लिया। उनकी शादी कोडाईकनाल में बड़े ही साधारण ढंग से हुई। खास बात यह थी कि दोनों के तरफ से उनका कोई भी परिवारजन या रिश्तेदार नहीं था। दोनों ने किसी को आमंत्रण भी नहीं भेजा था और न ही आमंत्रण पत्र बनवाया था। दोनों ने रजिस्ट्रार के सामने एक-दूसरे को अंगूठी पहनाकर एक सूत्र में बंध गए।

इससे पहले शादी के लिए दोनों को काफी मशक्कत करना पड़ा था। दोनों ने हिंदु रीति-रीवाज से शादी की थी किंतु अंतर धार्मिक विवाह होने के कारण सब-रजिस्ट्रार ने उन्हें विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह पंजीकरण कराने के लिये कहा था। दोनों ने कानूनी आज्ञा को मानते हुए सब कार्यों को पूर्ण किया और एक सूत्र में बंध गए। 44 साल की इरोम ने कहा है कि वह जल्द ही अपने परिवाज जनों को इसकी सूचना देगी। इरोम ने कहा है कि वो कोडईकनाल में ही रहेंगी और मणिपुर में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून के खिलाफ नये सिरे से लड़ाई शुरू करेंगी। Irom Chanu Sharmilaबता दें कि इरोम ने मणिपुर में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून 1958 (अफस्पा) को हटाने की मांग को लेकर तकरीबन 16 साल भूख हड़ताल किया। किंतु उसका कोई मजबूत परिणाम नहीं निकला। उन्होंने उसके बाद चुनाव लड़ने का फैसला लिया लेकिन इसमें भी उन्हें असफलता ही हाथ लगी।

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