Indira Gandhi Assassination: 31 अक्टूबर 1984 की सुबह एम्स के डॉक्टरों के लिए सामान्य नहीं थी। देश की प्रधानमंत्री को यहां भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों की एक टीम इलाज में जुटी हुई थी। लेकिन ऐसा क्या हुआ था, जिससे प्रधानमंत्री को एम्स में भर्ती कराना पड़ गया था? इसकी वजह थी जून में हुई वह घटना जिसने न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में सिख समुदाय को आहत किया था।
जून के महीने में 1 से 8 तारीख के बीच अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार को अंजाम दिया गया था। जिसकी इजाजत प्रधानमंत्री ने खुद दी थी। इस ऑपरेशन का मकसद था हरमंदिर साहिब को जरनैल सिंह भिंडरांवाले के कब्जे से छुड़ाना। लेकिन ऑपरेशन के दौरान मंदिर परिसर खासकर अकाल तख्त को बहुत नुकसान पहुंचा था। दरअसल भिंडरांवाले से लड़ने के लिए आर्मी टैंक इस्तेमाल किया गया था। सिखों की आस्था के इस केंद्र को पहुंचे नुकसान ने पूरे सिख समुदाय को हिला कर रख दिया था।
अब लौटकर आते हैं एम्स, जहां डॉक्टरों ने दोपहर आते-आते प्रधानमंत्री को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने बाद में जानकारी दी कि पीएम को 30 गोलियां मारी गयी थीं। उन पर 33 गोलियां चलाई गयी थीं, जिसमें से 30 पीएम को लगीं। 23 गोलियां शरीर के आर-पार हुईं। जबकि 7 शरीर में ही रह गईं।
Indira Gandhi Assassination: 31 अक्टूबर को ऐसा क्या हुआ था?
उस दिन सुबह प्रधानमंत्री को एक इंटरव्यू देना था। जिसके लिए वे अपने सफदरजंग रोड स्थित आवास से अकबर रोड स्थित ऑफिस जा रही थीं। साथ में उनके सिक्योरिटी ऑफिसर रामेश्वर दयाल और निजी सचिव आरके धवन भी थे। इस बीच रास्ते में उन्हें उनके सिख सुरक्षाकर्मी सतवंत सिंह और बेअंत सिंह मिले।
जैसे ही प्रधानमंत्री उनके सामने आईं दोनों ने गोलाबारी शुरू कर दी। बेअंत सिंह ने अपनी रिवॉल्वर से तीन राउंड फायर किये। इसके बाद सतवंत सिंह ने मशीन गन से पीएम पर गोली बरसाना शुरू कर दिया। प्रधानमंत्री के जमीन पर गिरते ही दोनों ने हथियार फेंक दिए और सरेंडर कर दिया। मौके पर बेअंत सिंह ने कहा, “मुझे जो करना था मैंने कर दिया । अब तुमको जो करना है तुम वो करो।”
Indira Gandhi Assassination: बाद में सुरक्षाकर्मियों ने मौके पर ही बेअंत सिंह को ढेर कर दिया और सतवंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया। हैरान करने वाली बात ये कि बेअंत सिंह को प्रधानमंत्री 10 साल से जानती थीं और वह उनका पसंदीदा सुरक्षाकर्मी था। वहीं सतवंत सिंह तो सिर्फ 22 साल का था और पांच महीने पहले ही प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगाया गया था। हत्या के करीब 10 घंटे बाद उस दिन शाम को दूरदर्शन पर बताया गया कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गयी है।
संबंधित खबरें:
‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ की बरसी पर फिर लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे
Indira Gandhi Death Anniversary: Rahul Gandhi ने दी श्रद्धांजलि, कहा- “नारी शक्ति” की बेहतरीन उदाहरण