भारत सरकार ने Zakir Naik पर बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने UAPA के तहत जाकिर नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (Islamic Research Foundation) पर प्रतिबंध लगाया है। दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल के एक सदस्यीय न्यायाधिकरण ने इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून या UAPA के तहत एक “गैरकानूनी संघ” घोषित करने के केंद्र के फैसले की पुष्टि करने के लिए नोटिस जारी किया है।
15 नवंबर को केंद्र सरकार ने इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को 5 साल के लिए गैर कानूनी घोषित किया था। सरकार ने कहा था कि जाकिर नाइक का फाउंडेशन ऐसी गतिविधियों में लिफ्त पाया गया है जिससे देश की सुरक्षा को खतरा है और इसमें देश की संंप्रभुता और धर्मनिरपेक्ष के ताने-बाने को बिगाड़ने की क्षमता है।
Zakir Naik के IRF पर UAPA लगाया गया है। UAPA क्या है?
भारतीय संसद ने 1967 में गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (Unlawful Activities (Prevention) Act-UAPA) कानून पारित किया था। इस कानून में 2004, 2008, 2012 और 2019 में बदलाव भी किए गए थे। 2019 के संशोधन में इसमें कठोर प्रावधान जोड़े गए थे।
Zakir Naik कौन है?
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साल 1965 में मुंबई के मुस्लिम बहुल इलाके डोंगरी में पैदा होने वाला जाकिर नाइक पेशे से डॉक्टर रहा है। साल 1991 में मेडिकल प्रेक्टिस छोड़ने के बाद उसने इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की। उसके रिसर्च फाउंडेशन और स्कूल को सरकार ने सील कर दिया है। वह एक टीवी चैनल पीस टीवी के नाम से चलाता है जो अब भारत और बांग्लादेश में प्रतिबंधित है।
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