पीछले एक साल से भारत चीन सीमा विवाद को लेकर दोनों देश की बीच चिंताजनक स्थिती बनी हुई थी। हर समय खबरें वार की सामने आती रहती थी। हालात इतने खराब थे कि जून माह में दोनों देश की सेनाएं आपस में भीड़ गई थी जिससे भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद नौं दौर की वार्ता हुई लेकिन हल शून्य था। देर ही सही सीमा विवाद को लेकर अच्छी खबर सामने आई है। चीन और भारत के बीच सीमा को लेकर समझौता हो गया है। दोनों ही देश की सेना पैंगोंग लेक से पीछ हट जाएगी।

सीमा विवाद को लकेर 9 फरवरी को एक खबर सामने आई थी जिसमें कहा गया था कि, सीम पर चल रहा विवाद सुलझ गया है। चीनी सेना और भारत की सेना पीछे हटने को तैयार है। इस खबर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुहर लगा दी है। राज्यसभा में राजनाथ सिंह ने कहा कि, दोनों ही देश अपनी-अपनी सेनाओं को पीछे हटाने को लेकर सहमत हुए हैं, साथ ही अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति को अब लागू कर दिया जाएगा और ही बुधवार से इस प्रक्रिया को लागू करना शुरू कर दिया गया है।

अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने सीमा विवाद को लेकर कई खुलासे किए। उन्होंने कहा कि, “पूर्वी लद्दाख सीमा पर चीन द्वारा पिछले साल भारी संख्या में गोला-बारूद इकट्ठा किया गया था। इस दौरान हमारी सेनाओं ने चीन के खिलाफ उपयुक्त जवाबी कार्रवाई की थी। सितंबर से दोनों पक्ष एक दूसरे के साथ बातचीत की। LAC पर यथास्थिति करना ही हमारा लक्ष्य है। रक्षा मंत्री बोले कि चीन ने 1962 के वक्त से ही काफी हिस्से पर कब्जा किया है। भारत ने चीन को बॉर्डर के हालात का रिश्तों पर असर पड़ने की बात कही है।”

सेनाओं को हटाने को लेकर राजनाथ सिंह ने बताया कि, भारत और चीन ने पैंगोंग लेक के साउथ और नॉर्थ इलाके में पीछे हटने का फैसला किया है। इसके अनुसार, फॉरवर्ड इलाकों में दोनों देशों ने जो सेनाओं की तैनाती की है उसे चरणबद्ध तरीके से पीछे हटाया जाएगा। राजनाथ ने कहा कि हमने इस बातचीत में कुछ भी खोया नहीं है।

रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि, दोनों देशों के बीच पेट्रोलिंग और तैनाती से जुड़े कुछ विषयों पर चर्चा बची है, जो आने वाली बातचीत में होनी है। भारत और चीन के बीच सैन्य स्तर पर नौ राउंड की बात हुई है, इसके अलावा राजनीतिक स्तर पर भी चर्चा हुई है।

बता दे कि, चीन की चाल पर वार करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, हम जमीन का एक टूकड़ा किसी को लेने नहीं देंगे और किसी के जमीन का एक टूकड़ा लेंगे भी नहीं हम अपनी भूमि की रक्षा करना जानते हैं।

चीन के बीच पूर्वी लद्दाख इलाके में मार्च-अप्रैल 2020 में विवाद शुरू हुआ था। तब पूर्वी लद्दाख के इलाके में चीनी सेना ने घुसपैठ की थी और तय LAC को पार किया था।

गौरतलब है कि, मार्च-अप्रैल 2020 में चीन के बीच पूर्वी लद्दाख इलाके में विवाद शुरू हुआ था। चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख इलाके में घुसपैठ की थी और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को पार किया था। चीनी सेना को रकने में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।

जवानों की शहादत के बाद से ही भारत और चीन के बीच स्थिती नाजुक बनी हुई थी। दोनों देश ने भारी संख्या में अपनी सेनाओं को तैनात किया था।

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