जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलफ सेना की कार्रवाई में कई आतंकी मारे गए हैं। हाल के दिनों में सेना द्वारा आतंकियों के खिलाफ चलाया गया यह सबसे बड़ा ऑपरेशन है। इस ऑपरेशन में कश्मीर के अलग-लग हिस्सों में कम से कम 9 आतंकी मारे गए हैं। इस दौरान बुरहान वानी के साथी आतंकी हिजबुल कमांडर सबजार अहमद के भी मारे जाने की खबर है।
सेना के मुताबिक आतंकी एलओसी से इस तरफ घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। बता दें कि शुक्रवार को पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम के जवानों के हमले का जवाब देते हुए भारतीय सेना ने दो आतंकी मार गिराए थे।
सेना के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि आतंकियों ने पश्चिमी रामपुर सेक्टर में आज सुबह घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे इसी दौरान भारतीय सेना आहट मिलते ही सतर्क हो गई। उसके बाद सेना की कार्रवाई के दौरान आतंकियों को मार गिराया गया। इसी तरह की घटना त्राल में घटी जहां सेना ने तीन आंतकियों को मार गिराया जिसमें एक आतंकी बुरहान वानी का उत्तराधिकारी हिजबुल कमांडर सबजार अहमद भी था। सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया है और उनका अभियान अभी भी जारी है
कौन था सबजार अहमद
सबजार अहमद का पूरा नाम सबजार अहमद बट है। सबजार भी बुरहान की ही तरह दक्षिण कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला था। सबजार अहमद पढ़ा लिखा नौजवान था और उसने कश्मीर के ही एक कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली थी। उसके पिता का नाम गुलाम हसन बट है। सबजार भी बुरहान वानी की ही तरह सोशल नेटवर्किंग साइटों पर एक्टिव रहता था। उसने सोशल मीडिया पर भी कई आईडी बनाई हुई थी और लोगो से सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़ा हुआ था। बताया जाता है कि सबजार अहमद आतंकी बुरहान वानी का करीबी दोस्त था और बुरहान के बाद उसके ग्रुप का दूसरा महत्वपूर्ण आदमी था। सबजार बुरहान के जनाजे में भी शामिल हुआ था।
हिजबुल मुजाहिद्दीन के लिए बड़ा महत्व रखता था सबजार अहमद
नब्बे के दशक के शुरूआत में बने हिजबुल मुजाहिद्दीन संगठन में कई आतंकी आए और मारे गए। आज सलाउदीन हिजबुल मुजाहिद्दीन आतंकवादी संगठन का चीफ है। इस संगठन का काम ही है कि कश्मीर में आतंक फैलाकर कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाना लेकिन कई सालों से वह अपने मंसूबों को पूरा नहीं कर पाया इसलिए अब वह कश्मीर के युवाओं को भड़का कर उनसे आतंक का कार्य करवाता है। बुरहान वानी और सबजार अहमद जैसे लोग उनका साथ देते हैं और इनके माध्यम से हिजबुल मुजाहिद्दीन कश्मीर में अपने पैर पसारने लगा है। युवाओं को जिहाद के ज़हर में डूबा कर यह अपने मनसूबे में कामयाब भी होने लगे थे। बुरहान के बाद उसके ग्रुप का कर्ताधर्ता सबजार अहमद था। 25 साल का सबजार घाटी में ‘सब डॉन’ के नाम से भी जाना जाता था। बताया जाता है कि सेना के एक जवान से उसने रायफल छीना था। उसकी इस योग्यता को देखने के बाद ही उसे हिजबुल में शामिल किया गया था। सुनने में आता है कि सबजार प्यार में धोखा खाने के बाद आतंकी गतिविधियों में शामिल हुआ। उसका बुरहान के साथ कई वीडियो और इमेज भी सोशल मीडिया पर वॉयरल हुआ था।
बुरहान वानी के बाद हिजबुल मुजाहिद्दीन के इस खूंखार आतंकी के मारे जाने को कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ बड़ी सफलता माना जा रहा है। साथ ही कश्मीर में फैली हिंसा को रोकने में भी सेना का यह बहुत हद तक कारगर साबित हो सकता है।