भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India – ECI) ने गुरुवार 29 दिसंबर 2022 को घरेलू प्रवासी वोटर्स के लिए रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम को विकसित कर लिया है। चुनाव आयोग द्वारा की गई घोषणा के अनुसार रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (Remote Electronic Voting Machine – RVM) के जरिये अब देश के किसी भी हिस्से से अपने राज्य में होने वाले चुनाव में वोट डाल सकेंगे।
क्या कहा चुनाव आयोग ने?
चुनाव आयोग ने बताया कि इस तकनीक को लेकर “16 जनवरी 2023 को देश के सभी मान्यता प्राप्त 08 राष्ट्रीय और 57 राज्य राजनीतिक दलों को इसका लाइव डेमोंस्ट्रेशन देगा। इस दौरान तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी मौजूद रहेंगे। आयोग ने आगे कहा कि 31 जनवरी 2023 तक मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से घरेलू प्रवासियों के लिए कानून में आवश्यक परिवर्तन, प्रशासनिक प्रक्रियाओं में बदलाव और मतदान प्रणाली / आरवीएम / प्रौद्योगिकी, यदि कोई हो, सहित अन्य संबंधित मुद्दों को लेकर भी लिखित विचार मांगे गये हैं।“
एक बूथ से देश के 72 निर्वाचन क्षेत्रों को संभालने की क्षमता
चुनाव आयोग ने बताया कि देश के पब्लिक सेक्टर की मदद से बनाई गई मल्टी कॉन्सिट्यूएंसी रिमोट ईवीएम एक सिंगल रिमोट पोलिंग बूथ से 72 निर्वाचन क्षेत्रों को संभाल सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि भारत के युवाओं और शहरी मतदाताओं की उदासीनता पर विचार करते हुए इस तकनीक को विकसित किया गया है। मल्टी कॉन्सिट्यूएंसी रिमोट ईवीएम को इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा तैयार किया गया है।
क्यों पड़ी जरूरत?
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किये गए एक कॉन्सेप्ट नोट में बताया गया कि “2019 के आम चुनाव में कुल 67.4 फीसदी लोगों ने मतदान किया था। चुनाव आयोग ने नोट मे लिखा कि वो देश के 30 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं के मताधिकार का इस्तेमाल नहीं करने को लेकर चिंतित है।
चुनाव आयोग के अनुसार देश में लोग अपने कई कामों को करने या फिर रोजगार के चलते “वोटर नई जगह पर शिफ्ट होने पर कई कारणों के चलते वोटिंग के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करवाता और चुनाव में वोट नहीं कर पाता है। इसके अलावा घरेलू प्रवासियों को भी वोटिंग करने में असमर्थ होना भी चिंताजनक था। इन्हीं चिताओं से निपटने के लिए चुनाव आयोग ने रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (RVM) का प्लान बनाया गया।”
क्या होती है रिमोट वोटिंग?
दूरस्थ मतदान यानी रिमोट वोटिंग देश के किसी भी कौने में स्थित एक तय मतदान केंद्र (जहां उसका मत रजिस्टर है) के अलावा कहीं और व्यक्तिगत (In-Person) रूप से या किसी अन्य समय पर हो सकता है इसके अलावा मत को डाक द्वारा भी भेजा जा सकते हैं। भारत में 1977 में जब पहली बार EVM को तैयार करने के लिए कहा गया था जब से ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग का उपयोग अलग-अलग रूपों में किया गया है। इसके पिछे का मकसद देश में कागज-आधारित प्रणालियों को रोकने और इनमे लगने वाले समय के साथ गलतियों को कम करने का प्रयास है।
रिमोट वोटिंग की जरूरत क्यों?
भारत जैसे 135 करोड़ की आबादी वाले देश में मतदाता अपने पंजीकरण के स्थान से शहरों और अन्य स्थानों पर शिक्षा से लेकर रोजगार और अन्य उद्देश्यों के लिये बड़ी संख्या में प्रवासन करते हैं। ऐसे लोगों को अपने राज्य विधानसभा या फिर लोकसभा चुनाव में वोट डालने के लिये अपने पंजीकृत मतदान केंद्रों पर वापिस जाना मुश्किल हो जाता है।
लंबे समय से जारी है प्रयास
2020 में चुनाव आयोग के अधिकारियों ने रिमोट वोटिंग के लिये ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करने का विचार भी प्रस्तावित किया। इससे पहले जन प्रतिनिधित्व (संशोधन) अधिनियम, 2010 के जरिये पात्र अप्रवासी भारतीयों (NRIs) जो छह महीने से अधिक समय तक विदेश में रहे थे, को वोट ड़ालने का अधिकार दिया गया था, लेकिन इसके लिए उनको मतदान केंद्र पर व्यक्तिगत (In-Person) रूप से जहां उन्हें एक विदेशी मतदाता के रूप में नामांकित किया गया था वहां वोट ड़ालने आना पड़ता था।
अभी कौन कर सकते हैं रिमोट वोटिंग?
अभी देश में केवल सेवारत मतदाता (सशस्त्र बल, किसी राज्य का सशस्त्र पुलिस बल और विदेश में तैनात सरकारी कर्मचारी), मतदाता, चुनाव ड्यूटी में लगे हुए कर्मचारी, 80 साल से अधिक आयु के मतदाता या विकलांग व्यक्ति (PwD) और निवारक नजरबंदी (Preventive Detention) को डाक मतपत्र के जरिये अपना वोट डालने की अनुमति है।
रिमोट वोटिंग को लेकर सवाल भी?
दुनिया के ज्यादातर विकसित देश आज भी बैलेट पेपर के जरिये ही मतदान करवाते हैं, इसके पिछे तर्क दिया जाता है कि कोई भी नई तकनीक, जिसमें ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और अन्य तकनीक आधारित प्रणाली शामिल हैं वे साइबर हमलों और अन्य सुरक्षा कमजोरियों के प्रति संवेदनशील हैं।
2023 में 9 राज्यों में होने वाले हैं चुनाव
भारते के 9 राज्यों में 2023 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में इस समय में RVM को लांच करना इस दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। भारत में 2023 में जिन 9 राज्यों में चुनाव होने वाले हैं उनमें त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, मिजोरम, तेलंगाना और राजस्थान शामिल हैं। इसके अलावा जम्मू कश्मीर में भी चुनाव प्रस्तावित हैं, लेकिन जम्मू कशमीर को लेकर अभी सरकार ने कुछ रुख साफ नहीं किया है।