भारत में कोरोना के मामलों में एकाएक तेजी के लिए निजामुद्दीन के तबलीगी मरकज को जिम्मेदार माना जा रहा है। गृह मंत्रालय ने भी देशभर में तबलीगी जमात से जुड़ी गतिविधियों का ब्योरा दिया है। इसके मुताबिक, जमात ने देशभर में धर्म प्रचार का कार्यक्रम ‘चिल्ला‘ चला रखा था। इसके लिए सैकड़ों देसी-विदेशी प्रचारकों ने देश के अलग-अलग हिस्सों का दौरा किया। गृह मंत्रालय के मुताबिक, 21 मार्च तक 824 विदेशी मुसलमान देश के विभिन्न हिस्सों में इस्लाम का प्रचार कर रहे थे जबकि 216 विदेशी निजामुद्दीन मरकज में मौजूद थे। ये विदेशी मुस्लिम इंडोनेशिया, मलेशिया, थाइलैंड, नेपाल, म्यामांर, बांग्लादेश, श्रीलंका और किर्गिस्तान से आकर तबलीग के धर्म प्रचार के काम में जुटे थे।
बाद में निजामुद्दीन मरकज के तबलीगी जमात में शामिल लोगों में से कई में जानलेवा कोरोना वायरस की पुष्टि ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इन जमातियों ने देश में कैसे कोरोना फैलाया , इसकी परतें धीरे धीरे खुल रही हैं। तबलीगी जमात के लोग दिल्ली से 5 ट्रेनों के जरिए देश के अलग-अलग हिस्सों में गए। इससे इन रूटों पर जमाती जिन ट्रेनों से गए उसके यात्रियों को ढूंढा जा रहा है। इसके अलावा जमाती जिन गंतव्यों पर गए उन जगहों को कोरोना के हॉटस्पॉट के तौर पर चिह्नित किया गया है। जमाती 13 से 19 मार्च तक 5 ट्रेनों से दिल्ली से रवाना हुए थे। इनमें आंध्र प्रदेश को जानेवाली दुरंतो एक्सप्रेस, चेन्नै तक जाने वाली ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस, चेन्नै को ही जानेवाली तमिलनाडु एक्सप्रेस, नई दिल्ली-रांची राजधानी एक्सप्रेस और एपी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस शामिल हैं।
नई दिल्ली रांची राजधानी एक्सप्रेस
दिल्ली ने चलने वाली यह ट्रेन 16-17 मार्च को कानपुर, गया, बोकारो होते हुए रांची गई। इस ट्रेन में मलेशिया की रहने वाली एक महिला कोरोना पीड़ित थी। अब वह महिला जिस कोच में थी उसमें मौजूद 60 यात्रियों की तलाश की जा रही है। इस महिला के कारण ही झारखंड में कोरोना का पहला मामला सामने आया था।
तमिलनाडु एक्सप्रेस
हजरत निजामुद्दीन से यह ट्रेन 13-14 मार्च को चलकर ग्वालियर, झांसी, भोपाल, नागपुर, वारंगल, विजयवाड़ा होते हुए चेन्नै पहुंची थी। इस ट्रेन में तबलीगी जमात के करीब 110 लोग थे। तमिलनाडु में जमातियों के पहुंचने के बाद कोरोना पीड़ितों की संख्या अचानक तेजी से बढ़ी थी।
निजामुद्दीन चेन्नै दुरंतो एक्सप्रेस
यह ट्रेन 18-19 मार्च को चेन्नै के लिए रवाना हुई थी। इस ट्रेन के दो यात्री कोरोना पीड़ित थे और वे विजयवाड़ा उतरे थे। प्रशासन अब इन दो यात्रियों के संपर्क में आने वालों लोगों को ढूंढ रही है।
ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस
यह ट्रेन 18 को नई दिल्ली से रवाना होकर मथुरा, धौलपुर, झांसी, विजयवाड़ा होते हुए 20 मार्च को चेन्नै पहुंची थी। इस ट्रेन में तबलीगी जमात को दो लोग कोरोना पीड़ित पाए गए।
एपी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस
आंध्र प्रदेश संपर्क क्रांति एक्सप्रेस 13 मार्च को हजरत निजामुद्दी से चली थी और 15 मार्च को तिरुपति मेन पहुंची थी। इस ट्रेन में जमात में शामिल 10 इंडोनेशियाई नागरिक तिरुपति मेन पहुंचे थे।
इस बात ने पूरे देश को झिझोंड़ कर रख दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना की भयावहता का अंदाजा लगाते हुए पूरे देश में लॉकडाउन का फैसला किया था। लेकिन खबरें आ रही हैं कि मरकज का मुखिया मौलाना साद ने जिद पर आकर मरकज को स्थगित नहीं किया। और अब जब कि यह साबित हो गया कि मरकज के लोगों से देश के कोने कोने में कोरोना पहुंच रहा है, मरकज का मुखिया मौलाना साद प्रशासन से छुपता फिर रहा है। बहरहाल पूरे देश में राज्य सरकारें चौकन्नी है, और जमात के लोगों को घरों घरों से निकाल क्वारैंटाईन करने की कोशिशों में जुटी है।