2016 में मारे गये हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की आज दूसरा बरसी है। जिसके चलते जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अलगावादियों द्वारा बंद के ऐलान के मद्देनजर अमरनाथ यात्रा रोक दी है। इससे करीब 1000 की संख्या में अमरनाथ यात्रियों को कठुआ में रुकना पड़ा तो वहीं 15000 से ज्यादा यात्रियों को जम्मू, उधमपुर और रामबान जिले में रोका गया है।
राज्य के पुलिस महानिदेशक एसपी वैद्य ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है, हमारा प्रयास तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना है। अलगाववादियों ने रविवार को हड़ताल का आह्वान किया है, ऐसे में हमें यात्रा रोकनी पड़ी। वैद्य ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा और सुगमता हमारी प्राथमिकता है। मेरी तीर्थयात्रियों से अपील है कि उन्हें घाटी की (कानून व्यवस्था की) स्थिति को ध्यान में रखकर हमारे साथ सहयोग करना चाहिए।
इंटेलिजेंस के सूत्रों के अनुसार आतंकी बुरहान की बरसी पर आतंकी हमले से बचने के लिए जम्मू कश्मीर में श्रीनगर नेशनल हाईवे के 300 किलोमीटर के इलाके में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। इससे पहले जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया गया, जबकि हुर्रियत कांफ्रेंस के नरमपंथी धड़े के प्रमुख मीरवायज उमर फारुक को उनके निगीन आवास पर नजरबंद कर दिया गया है।
बता दें कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकरनाग इलाके में 8 जुलाई 2016 को हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने त्राल के रहने वाले वानी को मार गिराया था। उसकी मौत के बाद घाटी में बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन हुए और लंबे समय तक कर्फ्यू लगा रहा था। करीब चार महीने तक चले विरोध प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में करीब 85 लोगों की जान गई थी।