झारखंड के मुख्यमंत्री हेमेत सोरेन (Hemant Soren) को धनशोधन (Money laundering) के मामलों की जाच करने वाले प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate- ED) ने नोटिस भेजकर 3 नवंबर 2022 को सुबह 11:30 बजे रांची स्थित ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया है.
झारखंड के मुख्यमंत्री Hemant Soren के सिर पर पहले से ही कुर्सी जाने की तलवार लटक रही है, क्योंकि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में पहले ही उनकी सदस्यता को लकेर संशय की स्थिति है. इसके साथ ही झारखंड की सियासत एक बार फिर से गरमा गई है.
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार सोरेन से रांची के ईडी कार्यालय में पूछताछ की जाएगी. नोटिस से पहले ईडी ने झारखंड पुलिस से अपने कार्यालय की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की गई थी. जिससे संबंधित चिट्ठियां झारखंड के पुलिस मुख्यालय और CRPF की स्थानीय यूनिट को भी भेजे जाने की खबरें हैं.
हालांकि प्रवर्तन निदेशालय ने पुछताछ के बारे में कोई आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति या बयान जारी नहीं किया है. इसके साथ ही पुलिस सुरक्षा की मांग किए जाने से संबंधी अपने कथित पत्र को लेकर भी मीडिया को कोई जानकारी नहीं दी है. इसके बावजूद स्थानीय मीडिया और इससे जुड़े व्हाट्सएप ग्रुप एवं सोशल मीडिया पर मंगलवार आधी रात से ही इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई थी.
ईडी को सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के साहेबगंज स्थित आवास पर छापेमारी के दौरान एक लिफाफा मिला था. बताया जा रहा है कि इस लिफाफे में मुख्यमंत्री के बैंक खाते से जुड़ा चेकबुक था. 2 चेकबुक में मुख्यमंत्री का हस्ताक्षर मिलने की बात भी कही जा रही है.
इसके अलावा प्रेम प्रकाश के रांची के हरमू स्थित आवास पर छापेमारी के दौरान ईडी को घर की आलमारी से 2 एके-47 राइफल और 60 गोलियां मिली थी. बताया जाता है कि ये हथियार जिन 2 कांस्टेबल के थे, वे झारखंड के मुख्यमंत्री के आवास की सुरक्षा में तैनात थे.
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क्या है पूरा मामला?
प्राप्त खबरों के अनुसार ईडी द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को पूछताछ के लिए समन भेजने का प्रमुख कारण उनके विशेष प्रतिनिधि (Special Representative) पंकज मिश्रा के अवैध खनन में शामिल होने, 42 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित करने के साथ कई अन्य मामले शामिल हैं.
ज्ञात हो कि पंकज मिश्रा मुख्यमंत्री सोरेन के विधायक प्रतिनिधि भी रहे हैं. ईडी की ओर से गिरफ्तार किए जाने के बाद वे इन दिनों न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में हैं. हालांकि तबीयत खराब होने के कारण उनका ईलाज रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान में उनका इलाज चल रहा है.
वो लोग जिनकी हो चुकी है इस मामलें में गिरफ्तारी
ईडी द्वारा झारखंड में की गई कार्रवाईयों मे निलंबित आईएएस पूजा सिंघल, उनके सीए सुमन कुमार, मुख्यमंत्री के बरहेट विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, पंकज मिश्रा का सहयोगी बच्चू यादव, नेताओं व नौकरशाहों का करीबी प्रेम प्रकाश, कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा ईडी अधिकारियों ने इससे पहले मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू से भी पूछताछ की जा चुकी है.
ईडी द्वारा पंकज मिश्रा को पीएमएलए (Prevention Of Money Laundering Act – 2002 ) के तहत गिरफ्तार किया गया था. पंकज मिश्रा पर एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का मनी लांड्रिंग करने के संगीन आरोप हैं. पंकज मिश्रा के अलावा बच्चू यादव और प्रेम प्रकाश भी आरोपी हैं. प्रेम प्रकाश के ठिकानों पर छापेमारी कर ईडी ने दो एके-47 राइफल भी जब्त की थी. अवैध खनन मामले में ईडी राज्य में 19 जगहों पर छापेमारी कर चुकी है.
झारखंड में ED की कार्रवाई
ईडी झारखंड में बीते 6 महीने में कई तरीके से कार्रवाई कर रही है. ईडी की कार्रवाई में मनरेगा घोटाले से लेकर तथाकथित 1,000 करोड़ (ईडी द्वारा किए गए दावे के अनुसार) के अवैध खनन घोटोले तक में कई नेताओं व नौकरशाहों से जुड़े कई प्रभावी लोगों से पुछताछ हो चुकी है ओर कुछ तो सलाखों के पीछे जा चुके हैं.
अवैध खनन मामले में 36 करोड़ रुपये जब्त
अवैध खनन मामले में ईडी अभी तक 36 करोड़ से ज्यादा की नकद धनराशि जब्त की जा चुकी है. इडी ने इसके अलावा चार लग्जरी कार, जगुआर व टोयटा फार्च्यूनर भी जब्त की है. पूजा सिंघल का प्रकरण शुरू होने से पहले मनरेगा घोटाले में ईडी ने 2.28 करोड़ रुपये जब्त किया था.