Haridwar Dharma Sansad: हरिद्वार में धर्म संसद (Haridwar Dharma Sansad) में दिए गए भाषणों पर कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। CJI एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हेमा कोहली की पीठ मामले की सुनवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस अंजना प्रकाश और पत्रकार कुर्बान अली द्वारा दायर याचिका में मुसलमानों को निशाना बनाने वाले नफरत भरे भाषणों का हवाला दिया गया है और एक विशेष जांच दल द्वारा एक स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।
Haridwar Dharma Sansad मामले में पुलिस की कार्रवाई को लेकर सवाल
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कल शीर्ष अदालत से कहा, “देश के नारे सत्यमेव जयते से बदलकर सशस्त्रमेव जयते हो गए हैं।” उन्होंने कहा कि केवल FIR दर्ज की गई है लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुलिस की निष्क्रियता से पता चलता है कि सांप्रदायिक नफरत फैलाने वालों के साथ पुलिस खड़ी है।
धर्म संसद मामला क्या है?
मालूम हो कि 17-19 दिसंबर को आयोजित धार्मिक सभा में, विभिन्न धर्मगुरुओं ने मुसलमानों के खिलाफ हथियारों के इस्तेमाल का आह्वान करते हुए अपमानजनक भाषण दिए थे। बहुत आक्रोश के बाद, उत्तराखंड पुलिस ने वसीम रिज़वी के खिलाफ FIR दर्ज की। बाद में चार और नाम जोड़े गए- जिनमें सागर सिद्धू महाराज और यति नरसिम्हनन्द, धर्मदास और पूजा शकुन पांडे का नाम शामिल है।
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