Gajendra Singh Shekhawat: देश में लगातार कोरोना वायरस के मामलों में उछाल देखा जा रहा है।लेकिन राजनीतिक पार्टियां उत्तर प्रेदश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में 2022 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव की तैयारी में जमकर जुटी हुई हैं। देश की सभी राजनीतिक पार्टियों का रुख इन दिनों इन्हीं राज्यों की ओर है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच चुनाव जरूरी हैं?
इसी मामले पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने कहा है कि चुनाव आयोग (Election Commission) हेल्थ सेक्रेटरी और एक्सपर्ट्स के साथ बात कर रहा है। चुनाव कैसे, कब और किन नीतियों के साथ होगा और क्या पांबदियां होंगी ये फैसला लेना चुनाव आयोग का काम है। आयोग जो फैसला करेगा वो सभी पार्टियों के लिए सामान्य रूप से लागू होगा।
Gajendra Singh Shekhawat ने चुनाव को लेकर क्या कहा?

केंद्रीय मंत्री ने मीडिया से कहा है कि बीजेपी वर्चुअल रैली के लिए तैयार है। हमने बंगाल के चुनाव में भी वर्चुअल रैली की थी। कोविड के दौरान जब दुनिया की सभी राजनीतिक पार्टियां हाइबरनेशन में थी उस समय भी BJP के कार्यकर्ता और पार्टी के सभी लोग वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर काम कर रहे थे।

बता दें कि पिछले दिनों चुनाव आयोग (Election Commission) और स्वास्थ्य मंत्रालय की आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर अहम बैठक हुई थी। हालांकि अभी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को टालने के विषय पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। इस बैठक में चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण से चुनावी राज्यों में कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट समेत वैक्सीनेशन की जानकारी भी ली।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव को लेकर जताई थी चिंता

कुछ दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग से कोरोना के हालात देखते हुए विधानसभा चुनावों को फिलहाल टालने की अपील की थी। इसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने अगले सप्ताह उत्तर प्रदेश के दौरे के बाद फैसला करने की घोषणा की थी।
दरअसल, हाईकोर्ट ने कहा था कि दूसरी लहर में लाखों की संख्या में लोग कोरोना संक्रमित हुए और लोगों की मृत्यु हुई। ग्राम पंचायत चुनाव और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव की वजह से लोग संक्रमित हुए। अब यूपी समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव निकट हैं। सभी पार्टियों की ओर से रैली, जनसभाएं कर भीड़ जुटाई जा रही हैं। अगर इसे समय से नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह होंगे।
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