भारत का भूगोल और पास-पड़ोस कुछ ऐसा है कि खतरा चारों ओर से हैं… उत्तर-पश्चिम में पाकिस्तान…तो उत्तर-पूर्व में चीन… चीन और पाक की शैतानी जोड़ी बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और श्रीलंका के जरिए भी अपने खतरनाक मंसूबों को अंजाम देने में जुटी है… ऐसे में भारतीय सरहदों की सुरक्षा के लिए सेना को और चुस्त-दुरुस्त करने की जरुरत है…डिफेंस सिस्टम को मुस्तैद बनाने की जरूरत है… सुरक्षा पर नए सिरे से रणनीति तैयार करने की जरूरत है… देश की सुरक्षा में दुश्मन सेंध न लगा सके इसके जरूरत है कि भारत हर तरह से चौकन्ना रहे… इसी जरूरत को समझते हुए अब भारत ने बड़ी तैयारी करने का फैसला कर लिया है…अब देश की सुरक्षा के लिए दिग्गजों ने तेजी से दिमाग लगाना शुरू कर दिया है…और इसके लिए दिग्गजों की एक कमिटी बनाई गई है जिसे डिफेंस प्लानिंग कमिटी यानि DPC का नाम दिया गया है… इस कमिटी के अध्यक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल होंगे...दरअसल सरकार ने देश में उच्च स्तरीय प्रतिरक्षा योजना बनाने की प्रकिया में बड़ा सुधार करते हुए इस नई कमिटी का गठन किया है. डिफेंस प्लानिंग कमिटी  नाम की इस नई संस्था DPC में चीफ ऑफ द स्टाफ कमिटी के अध्यक्ष, तीनों सेनाओं के प्रमुख, रक्षा सचिव, विदेश सचिव और वित्त मंत्रालय के व्यय सचिव शामिल होंगे… ये कमिटी एक स्थायी संस्था होगी जो राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का प्रारूप तैयार करेगी, देश की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेगी और एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिरक्षा संपर्क रणनीति तैयार करेगी…

डिफेंस प्लानिंग कमिटी बनाने से देश की सुरक्षा को और भी पुख्ता किया जा सकेंगा… देश की रक्षा जरूरतों को समझा जा सकेगा… सेना की जरूरतों को समझ कर उसके हिसाब से रणनीति बनाई जा सकेगी…

जानकारों का कहना है कि देश के जटिल सुरक्षा वातावरण और राष्ट्रीय प्रतिरक्षा पर खर्च के स्तर को देखते हुए ऐसा मजबूत प्रतिरक्षा तंत्र बनाना जरूरी था… फिलहाल जो सुरक्षा की समीक्षा के लिए तंत्र है वो देश की सुरक्षा जरूरतों को पूरी करने के लिए पर्याप्त साबित नहीं हो रहा था ऐसे में डिफेंस प्लानिंग कमिटी बनाने की जरूरत पड़ी…अब देखना है कि डिफेन्स प्लानिंग कमिटी देश की सुरक्षा जरूरतों को समझने और रणनीति बनाने में कितनी कामयाब होती है

एपीएन ब्यूरो

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