Delhi Riots: कड़कड़डूमा कोर्ट ने गुरुवार को उमर खालिद को दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में आईपीसी और यूएपीए के तहत जमानत देने से इनकार कर दिया है। JNUsu के पूर्व सदस्य उमर खालिद को दिल्ली पुलिस ने 2020 में दिल्ली दंगों के मामले में गिरफ्तार किया था। बता दें कि सीएए / एनआरसी के खिलाफ व्यापक विरोध के बाद 72 घंटों तक चली हिंसा में 53 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं 400 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

Umar Khalid ने रची थी साजिश: दिल्ली पुलिस
गौरतलब है कि 1 अगस्त, 2020 को, दिल्ली पुलिस ने उमर से दंगों से कुछ दिन पहले खालिद सैफी के साथ शाहीन बाग में विरोध स्थल पर दिए गए भाषणों के बारे में पूछताछ की थी। मामले की जांच करने वाले अधिकारियों ने उस समय उमर का मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया था। वहीं जुलाई, 2020 में चांद बाग हिंसा के संबंध में दायर एक चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि ताहिर हुसैन और उमर खालिद ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा से पहले एक साजिश रची थी।

Delhi Riots: 6 मार्च 2020 को खालिद के खिलाफ दर्ज की गई थी FIR
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 6 मार्च, 2020 को उमर खालिद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। प्राथमिकी में, जांच अधिकारियों ने दावा किया था कि उमर और उसके सहयोगियों ने दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे भड़काने की ‘साजिश’ की थी। बता दें कि गुरुवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करने से पहले तीन मार्च को इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान आरोपी ने कहा था कि अभियोजन पक्ष के पास उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है।
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