आर्थिक संकट के बाद भी देश के पास अपनी कोरोना कोरोना वैक्सीन है। इसका श्रेय सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मालिक अदार पूनावाला को जाता है। देश में 33.37 कोरोड़ लोगों को वैक्सीनेट किया गया है। इसमें अधिकतर लोगों को कोविशिल्ड ही लगाया है। जिसका निर्माण सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया है। कंपनी एक और वैक्सीन लाने की तैयारी कर रही है। इस बीच अदार पूनावाला को बड़ा झटका लगा है। देश की सेंट्रल ड्रग अथॉरिटी की एक एक्सपर्ट कमेटी ने बुधवार को 2-17 आयुवर्ग के बच्चों पर कोवोवैक्स के दूसरे या तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति देने के खिलाफ सिफारिश की है।

बता दें कि सूत्रो के हवाले से मिली खबर के अनुसार बच्चों पर अब कोवोवैक्स का ट्रायल नहीं किया जाएगा। सीरम इंस्टीट्यूट ने सोमवार को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से आवेदन करके 10 जगहों पर 920 बच्चों पर कोवोवैक्स टीके के ट्रायल के संबंध में मंजूरी मांगी थी।

उन्होंने कहा, ‘समिति ने यह भी सिफारिश की है कि बच्चों पर कोवोवैक्स टीके के ट्रायल की अनुमति पर विचार करने के लिए कंपनी को व्यस्कों पर जारी इस टीके के क्लीनिकल ट्रायल के सुरक्षा एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़े आंकड़े पेश करने चाहिए।’

गौरतलब है कि अगर कोवोवैक्स को मंजूरी मिल जाती तो यह भारत की तीसरी ऐसी वैक्सीन होती जिसका इस्तेमाल बच्चों पर किया जाता। इससे पहले भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और जायडस कैडिला का जायकोव-डी का भी परीक्षण जारी है। 

पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ने अमेरिकी बायोटेक्नोलॉजी कंपनी नोवावैक्स के टीके NVX-COV2373 को भारत में कोवोवैक्स नाम के साथ बनाने के लिए सौदा किया था। इस वैक्सीन का ट्रायल भारत में मार्च माह में शुरू किया गया था। सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा था कि यह वैक्सीन भारत में सितंबर माह तक लॉन्च हो सकती है।

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