भारत में कोरोना से 3 लाख 98 हजार 554 लोग अपनी जान गवा चुके हैं। यह वो लोग हैं जिन्हें सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कानून पर यकीन करें तो मृतक के परिजनों को सरकार की तरफ से मुआवजा मिलना चाहिए। लेकिन मोदी सरकार की तरफ से कोई घोषणा नहीं की गई है।

मुआवजे को लेकर  सुप्रीम कोर्ट में हजारों याचिका दायर की गई हैं। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि उन्हें पीड़ित परिवारों को धन राशी मुआवजे के तौर पर देनी ही होगी। कोर्ट ने कहा कि हम राशी नहीं तय कर रहे हैं लेकिन याद रखिए आपको मुआवजा देना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम मुआवजा तय नहीं कर रहे हैं लेकिन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण छह सप्ताह के भीतर प्रत्येक कोविड पीड़ित को भुगतान की जाने वाली अनुग्रह राशि निर्धारित करने का दिशानिर्देश जारी करे।

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को कोविड पीड़ितों को अनुग्रह राशि सहित राहत के न्यूनतम मानक प्रदान करने के लिए वैधानिक रूप से अनिवार्य है। अनुग्रह राशि प्रदान न करके एनडीएमए अपने वैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहा है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र को दूसरी बार यह आदेश दे रहा है। केंद्र सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए कहा था कि यदि इतने लोगों को मुआवजा देना पड़ा ता एनडीएमए का पूरा पैसा खत्म हो जाएगा। वहीं केंद्र कह चुका है कि बात पैसे की नहीं है, हम मुआवजा नहीं देना चाहते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को हुई सुनवाई में सख्त लहजे में मुआवजा राशी देने का आदेश दिया है। इस मुद्दे पर केंद्र की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विट कर मोदी सरकार पर तंज कसा है। राहुल ने ट्वीट कर लिखा, SC ने मोदी सरकार को ग़लती सुधारने का मौक़ा दिया है। कम से कम अब सरकार को मुआवज़े की सही राशि तय करके पीड़ितों को राहत देनी चाहिए। ये सही दिशा में एक महत्वपूर्ण क़दम है।

बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में अब तक कोरोना वायरस (Coronavirus) से 3 करोड़ 3 लाख 62 हजार 484 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिसमें 3 लाख 98 हजार 454 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

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