Dasha Mata Puja 2022: इस साल 27 मार्च यानी कल दशा माता का व्रत और पूजन किया जाएगा। हर साल इस व्रत का महत्व इसलिए माना जाता है क्योंकि इस व्रत से परिवारों के ग्रहों की दशा और परिस्थितियां शुभ होती हैं। इस दिन महिलाएं पूजा और व्रत करके गले में पूजा का धागा पहनती हैं। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि पर रविवार को दशा माता का पूजन होगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि रविवार के दिन पीपल के वृक्ष का पूजन निषेध है।

इस साल दशा माता का व्रत रविवार के दिन ही पड़ रहा है, इसलिए महिलाएं इस चिंता में है कि रविवार के दिन दशा माता का पूजन कैसे किया जाएगा। क्योंकि दशामाता व्रत के दिन, भगवान विष्णु के स्वरूप पीपल के वृक्ष की ही पूजा की जाती है। तो आपको बता दें कि महिलाओं की इसी चिंता का समाधान करने के लिए आज हम बताएंगे कि रविवार को दशा माता का व्रत करना चाहिए या नहीं।

Dasha Mata Puja 2022: रविवार कि दिन पूजन का महत्व
विद्वानों का कहना है कि पर्व व त्योहारों के लिए तिथि को विशेष मान्यता दी जाती है, इस दिन वार की प्रधानता नहीं रहती है। इसलिए रविवार को दशमी तिथि पर का अच्छा योग है, इस दिन पूरे दिन दशा माता का पूजन शुभफल प्रदान करेगा। पूजन में किसी भी प्रकार से वार का दोष नहीं लगेगा। कहा जाता है कि हिन्दू धर्म की मान्यता में किसी भी व्रत व त्योहार को मनाने के लिए तारीख विशेष मानी गई है। वार की प्रधानता उतना महत्व नहीं रखती है।

पूजन का समय
रविवार के दिन सुबह से दोपहर 1 बजकर 13 मिनट तक सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा। सुबह 7 बजकर 3 मिनट से शाम 6 बजकर 8 मिनट तक पंचांग की यह स्थिति दशा माता के पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ है।
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