छत्तीसगढ़ के सुकमा इलाके में  हुए आत्मघाती नक्सली हमले में CRPF के 12 जवान शहीद और कई घायल हो गए हैं। 219वीं बटालियन का एक दल भेज्जी के इलाके से होते हुए कैम्प की ओर जा रहा था। इस दौरान जंगल की पहाड़ी पर घात लगाए बैठे कुछ उग्रवादियों ने जवानों पर अचानक गोलियां चलानी शुरु कर दी। जिसके जवाब में जवानों ने भी जवाबी कार्यवाही शुरु कर दी, लेकिन जब तक जवान कुछ समझ पाते बहुत देर हो चुकी थी। नक्सली लगातार पहाड़ी के ऊपरी हिस्से से फायरिंग कर रहे थे। लगभग डेढ़ घंटे की मुठभेड़ में जवानों ने 3 नक्सलियों को मार गिराया लेकिन देश ने अपने 12 जवानों को खो दिया। यह घटना कुछ ही देर में जंगल में लगी आग की तरह फैल गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद स्पेशल डीजी नक्सल ऑपरेशन डीएम अवस्थी ने तत्काल आपात बैठक बुलाई, जिसमें CRPF, AIG और SIB के आला अधिकारी शामिल हुए। उन्होंने घटनास्थल पर अपनी नई टीम को भेजा जहां टीम ने गंभीर रुप से घायल जवानों को हेलिकाप्टर से रायपुर ले गए मगर इस दौरान मार्ग में एक CRPF के जवान ने दम तोड़ दिया।

इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री रमन सिंह ने शोक जताते हुए नक्सलियों द्वारा इस घटना को कायराना हरकत बताया। वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्विटर पर लिखा कि “सुकमा कि घटना से दुखी हूं… मैं शहीदो को नमन करता हूं… मेरी संवेदना शहीदों के परिवार के साथ है… मैं कामना करता हूं कि हमले में घायल शहीद जल्द से जल्द स्वस्थ हो…. साथ ही उन्होंने अपने अगले ट्वीट मे लिखा कि मैंने हमले को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बात की है, वे हालात का जायजा लेने के लिए सुकमा जा रहे हैं।“

बता दें कि इसके पहले भी इस नक्सली इलाके में सितंबर 2005 के दौरान गंगालूर रोड पर हुए धमाके में 23 जवान, जुलाई 2007 में उरपलमेटा एम्बुश में 23 जवान, अगस्त 2007 में दारमेटला में 12 जवान, जुलाई 2009 में राजानांदगांव में हुए मुठभेड़ में 29 जवान, अप्रैल 2010 ताड़मेटला में 76 जवान और 11 मार्च 2014 टाहकवाड़ा में 15 CRPF के जवान शहिद हुए थे।

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