जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद के सदस्य Kanhaiya Kumar को लेकर ऐसी अटकलें है कि वो जल्द ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) पार्टी की सदस्यता ले सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार उन्होंने कांग्रेस के कई नेताओं के साथ बैठक की है और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कन्हैया कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाधी (Rahul Gandhi) से दो बार मिल चुके हैं। बैठक के दौरान चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) भी मौजूद रहे थे। सूत्रों ने यह भी कहा कि कन्हैया कुमार की कांग्रेस नेताओं के साथ बातचीत चल रही है। हालांकि उनके पार्टी में शामिल होने की तारीख अभी तय नहीं हुई हैं।
2019 लोक
सभा चुनाव
कन्हैया कुमार ने 2019 के आम चुनाव के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर बेगूसराय से चुनाव लड़ा था। उस चुनाव में 269,976 वोट और 22.03% वोट शेयर के साथ वह चुनाव हार गए थे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) से 422,217 मतों से हारकर दूसरा स्थान हासिल किया था। अपनी हार के बारे में उन्होंने आजतक को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि “इन चुनावों में मेरे पास सीधे तौर पर हारने के लिए कुछ भी नहीं था। मुझे एक बड़ी, समृद्ध और प्रभावशाली मशीनरी के खिलाफ लड़ने के लिए लोगों का समर्थन मिला और यह लोकतंत्र का संदेश है कि आंगनबाडी कार्यकर्ता का बेटा चुनाव लड़ सकता है। ”
JNU देशद्रोह विवाद
फरवरी 2016 मेंं कन्हैया कुमार को दिल्ली पुलिस ने JNU परिसर में एक कार्यक्रम में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया था। यह कार्यक्रम JNU के छात्रों द्वारा संसद हमले के दोषी अफजल गुरु (Afzal Guru) की फांसी की दूसरी वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित किया गया था। कुमार ने देश की अखंडता के खिलाफ किसी भी तरह के नारे लगाने से इनकार किया था। उनकी गिरफ्तारी पर विपक्षी दलों, शिक्षकों, छात्रों और शिक्षाविदों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। उनकी गिरफ्तारी के विरोध में जेएनयू के छात्र हड़ताल पर चले गए थे।
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