कांग्रेस संगठन में चल रहे उठापटक के बीच शनिवार को दिल्ली में Congress Working Committee की बैठक बुलाई गई। जैसा कि पहले से कयास चल रहा था कि इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष पद का मुद्दा जरूर उठाया जाएगा और हुआ भी कुछ वैसा ही।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सितंबर 2022 में चुनाव हो सकता है। साल 2019 में हुए पिछले लोकसभा के चुनाव में मिली हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
उसके बाद कार्यवाहक अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांघी ने पार्टी की कमान संभाल ली थी लेकिन स्वास्थ्य कारणों से सोनिया गांधी पिछले कुछ समय से सक्रिय राजनीति से दूर हैं। जिसकी वजह से कांग्रेस एक तरह से नेतृत्वविहीन चल रही है।
इस मामले को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता मसनल कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद और अन्य नेताओं ने कांग्रेस के भीतर ही G-23 नामक एक ग्रुप बना लिया था। जो बार-बार कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव की मांग कर रहा था।
इससे यह पता चल रहा था कि कांग्रेस में राहुल गांधी की कार्यप्रणाली से बुजुर्ग कांग्रेसी नेता खासे आहत नजर आ रहे हैं। ऐसे तमाम विराधाभास के बावजूद कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर कभी कोई सीधी बगावत देखने को नहीं मिली।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि हमें सोनिया गांधी पर पूरा भरोसा है और पार्टी के भीतर उनके नेतृत्व को लेकर किसी तरह का कोई सवाल नहीं है।
वहीं कांग्रेस कार्यसमीति की बैठक में अध्यक्ष पद के अलावा कांग्रेस के विभिन्न राज्यों में चल रहे आपसी गुटबाजी पर भी चर्चा हुई। इसमें पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ कांग्रेस की कार्यप्रणाली को लेकर गहन चर्चा की गई।
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव और लखीमपुर खीरी मामले में भी इस बैठक में विस्तृत चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी यूपी चुनाव को लेकर महासचिव प्रियंका गांधी के साथ चुनावी कार्ययोजना को लेकर रणनीति बनाने और उसे जमीन पर लागू करने के विषय पर भी विचार करेगी।
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