भारत और अमेरिका ने परस्पर संबंधों को मजबूत बनाते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकसाथ लड़ने की एक नई कोशिश की शुरूआत की है। ऐसे में दोनों देशों के बीच हुए कॉमकासा समझौते पर दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। बता दें कि भारत औऱ अमेरिका के बीच गुरूवार को हुए टू प्लस टू वार्ता बेहद सफल रही। भारत और अमेरिका ने नई रक्षा संधि (कॉमकासा) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं जो दोनों देशों को सबसे मजबूत रक्षा सहयोगी देश के तौर पर स्थापित करेगा। इस समझौते के बाद अमेरिका के लिए भारत का महत्व एक नाटो देश की तरह हो गया है।  टू प्लस टू वार्ता की बैठक में अमेरिका के विदेश मंत्री माइकल पॉम्पियो और अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की है। इसमें कॉमकासा सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

टू प्लस टू बातचीत के बाद हुई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि भारत और अमेरिका के बीच एक अहम सैन्य समझौते कम्युनिकेशन्स कम्पेटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट (कॉमकासा) पर दस्तखत हुए हैं। कॉमकासा समझौते से भारत को अमेरिका जैसे हथियारों से लैस ड्रोन्स और उन्नत रक्षा तकनीक मिलेगी। एडवांस डिफेंस सिस्टम के जरिए भारत चीन पर नजर रख सकेगा। कॉमकासा के जरिए भारत के सी130जे हरक्यूलिस लड़ाकू विमानों और नौसेना के पी81 जैसे एयरक्राफ्ट्स पर विशेष संचार प्रणाली स्थापित करने का रास्ता साफ हो जाएगा। जिससे वह सीधे अमेरिकी सेना से संपर्क स्थापित कर पाएंगे।

इस करार पर दस्तखत होने के बाद दोनों देशों के बीच टेक्नोलॉजी ट्रांसफर में कानूनी अड़चनें दूर होंगी। अमेरिकी तकनीक को भारत की तुलना में ज्यादा सटीक और सुरक्षित माना जाता है। अलग-अलग हथियार प्रणाली के लिए भारत फिलहाल स्थानीय प्लेटफॉर्म का उपयोग करता है। इस करार के बाद भारत अमेरिकी रक्षा प्लेटफॉर्म पर काम कर सकेगा। अमेरिका के सी गार्डियंस ड्रोन्स को यदि भारतीय नौसेना खरीदती है तो इसमें अमेरिका के कुछ अत्याधुनिक और अति सुरक्षित संचार उपकरण फिट किए जाएंगे। यह उकरण आस-पास में किसी भी संदिग्ध हलचल को ट्रेस करके यह पता लगा सकते हैं कि यह किसी दुश्मन की है या दोस्त की। भारत व अमेरिका ने कहा है कि उनकी तीनों सेनाओं के बीच अगले वर्ष पहली बार सैन्य अभ्यास किया जाएगा। संभवत: यह हिंद महासागर में किया जाएगा जहां चीन की ब़़ढती गतिविधियां भारत के लिए चिंता का सबब बनी हुई हैं। कॉमकासा करार को हिंदी में संचार, सक्षमता, सुरक्षा समझौता कहा गया है। यह पूरी तरह से भारत की सैन्य जरूरत को ध्यान में रखते हुए किया गया है।