देश में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां शुरु हो गई है। सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष भी इसमें पीछे नहीं है। केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी सहित तमाम पार्टियों में इसको लेकर पहले से ही सुगबुगाहट दिख रही है है। वहीँ अब विपक्ष भी इसको लेकर और इंतजार करने के मूड में नहीं है। इसी क्रम में बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की है।
इस मुलकात के दौरान नीतीश ने सोनिया से विशेष तौर पर राष्ट्रपति चुनावों को लेकर विपक्षी दलों को एक करने के लिए कांग्रेस की तरफ से पहल करने की बात कही है। इस मुलाकात के सम्बन्ध में जदयू नेता के सी त्यागी ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा की गई पहल के बाद यह मुलाकात हुई है। दोनों बड़े नेताओं के बीच यह मुलाकात लगभग एक साल बाद हुई। इस मुलाकात के दौरान मौजूदा राजनीतिक मुद्दों से लेकर सोनिया के स्वास्थ पर भी बातचीत हुई।
माना जा रहा है कि सोनिया से नीतीश की यह मुलाकात राष्ट्रपति चुनावों के लिए विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश है। इससे पहले भी नीतीश एनसीपी नेता शरद पवार, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा नेता डी राजा से बात कर चुके हैं। नीतीश का मानना है कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष को एकजुट होकर एक ही उम्मीदवार उतरना चाहिए जो बीजेपी के उम्मीदवार को टक्कर दे सके और इसके लिए कांग्रेस को पहल करनी चाहिए क्योंकि वह सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर नीतीश-सोनिया की मुलाकात के बाबत जब मीडिया ने के सी त्यागी से सवाल किया तो उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। लेकिन इतना जरुर कहा कि देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर होने वाले चुनाव के लिए विपक्ष का एक साझा उम्मीदवार होना चाहिए। नीतीश कुमार ने इस बारे में वाम दलों के नेताओं से भी बात की है।
गौरतलब है कि कांग्रेस बिहार में नीतीश सरकार की सहयोगी है और विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी है। इसके अलावा हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी की बंपर जीत ने भी विपक्ष को परेशान कर दिया है। ऐसे में बिहार की तर्ज़ पर कभी यूपी में महागठबंधन बनने की बात सामने आती है तो कभी विपक्ष के एकजुट हो बीजेपी का मुकाबला करने की। लेकिन आज तक ऐसा हो नहीं पाया है ऐसे में देखना है नीतीश की यह कोशिश कितनी सफल होती है।