पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने वाली भारतीय महिला माधुरी गुप्ता जो कि राजनयिक जैसे उच्च पद पर थीं अब पूर्ण रूप से शिकंजे में है औऱ कोर्ट में उसका दोष भी सिद्ध हो गया है। पूछताछ में उसने कई जानकारियां दी हैं, इसके साथ ही कई और जानकारियां मिलने की उम्मीद है। बता दें कि दिल्ली की एक कोर्ट ने पूर्व राजनयिक माधुरी गुप्ता को पाकिस्तान में नियुक्ति के दौरान ISI को भारत की खुफिया जानकारियां देने का दोषी करार दिया है। माधुरी की गिरफ्तारी के 10 साल बाद यह फैसला आया है, जिसमें माधुरी को अधिकतम 3 साल की सजा हो सकती है। माधुरी गुप्ता पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग में प्रेस एवं सूचना सचिव थी। दिल्ली पुलिस ने उन्हें 2010 में गिरफ्तार किया था।

दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ शर्मा ने माधुरी गुप्ता को जासूसी करने व गोपनीय सूचनाएं आईएसआई को देने के मामले में भारतीय गोपनीयता अधिनियम की कई धाराओं में दोषी करार दिया था। माधुरी गुप्ता की सजा पर शनिवार को सुनवाई होगी। माधुरी गुप्ता ने कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां पाकिस्तानी अधिकारियों को दी थीं और वह दो आईएसआई अधिकारियों मुबशर रजा राणा और जमशेद के संपर्क में थीं। माधुरी गुप्ता के खिलाफ जुलाई 2010 में दाखिल किए गए आरोपपत्र के अनुसार उसका जमशेद के साथ रिश्ता था और वह उससे शादी की योजना बना रही थी।

माधुरी ने कबूला है कि उसने आईएसआई को भारत के कई महत्वपूर्ण सूचनाएं दी हैं। उसने बताया है कि आईएसआई भारत और पाकिस्तान की हर गतिविधि पर नजर रखती है। खबरों के मुताबिक, माधुरी गुप्ता पर ये भी आरोप था कि  वह वर्ष 2007 से रॉ व नीतिगत फैसलों की जानकारी पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई को उपलब्ध करा रही थीं। जानकारी मिलने पर माधुरी गुप्ता की गतिविधियों पर दिसंबर महीने से कड़ी नजर रखी जा रही थी।

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