यूपी का चुनावी संग्राम जैसे जैसे नज़दीक आता जा रहा है, नेताओं की रैलियां और जनसभाओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है। हर पार्टी के बड़े नेता अपने उम्मीदवारों को जीताने के लिए जनता के बीच जाकर उन्हें बेहतर सुविधाएं देने का वादा कर रहे है। ऐसे में नेताओं की जुबान फिसलने और विवादित बयानों में बढ़ोतरी हो रही है।

अखिलेश यादव गुरुवार को मुज़फ्फरनगर के तीन विधानसभाओं में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान सदन विधानसभा में जनता को संबोधित करते हुए मंच से सीएम साहब ने वहां की जनता को वोट के लिए लुभाते हुए बोले—“अब तो हम कटिया लगाने से भी नहीं रोकते” अर्थात् अखिलेश सरकार बिजली चोरी करने वालों को भी नहीं रोकती है।

अखिलेश के इस बयान से साफ है कि वह चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है।  जनता को गैर कानूनी काम करने के लिए बढ़ावा दे रहे अखिलेश यादव प्रदेश में सुशासन का बखान करते नहीं थकते। गौरतलब है कि सपा नेता आज़म खां भी अपने क्षेत्र की एक जनसभा में जनता से बिजली चोरी करने वालों की खैरियत पूछ चुके हैं। आज़म खां ने भी बिजली चोरी करने वालों से पूछा था कि क्या यहां कोई सीएम या डीएम चेकिंग करने आया है। यानि वह भी बिजली चोरों को समर्थन देते नज़र आ रहा थे।

अखिलेश के इस बयान से हंगामा मच गया। मौकापरस्त के तलाश में रहने वाली विपक्ष को भी इस बयान से सत्ताधारी सरकार पर तंज कंसने का मौका मिल गया है। इसके जवाब में मुज़फ्फरनगर से बीजेपी विधायक कपिल देव अग्रवाल ने कहां कि मुख्यमंत्री के इस विवादित बयान से चौकने की जरुरत नहीं है क्योंकि एक वर्ष पूर्व समाजवादी पार्टी के नगरअध्यक्ष राशिद सिद्दीकी की फैक्टरी में बिजली चोरी पकड़ी गयी थी। पांच जिले की विजिलेंस टीम ने उनके यहां छापा मार के बिजली चोरी करते हुए पकड़ा था। इस वजह से राशिद सिद्दीकी के खिलाफ लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का रिकवरी वारंट भी निकला। लेकिन सत्ता के दबाव में उसपर FR लगा दी गयी। बीजेपी नेता ने कहां कि जाने-अनजाने में मुंह से सच्चाई निकल ही जाती है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद इस मामले में जाँच होगी, प्रभावी कार्यवाही होगी और सूबे से बिजली चोरी भी खत्म होगी।

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