इनकम टैक्स में गफलतबाजी करने का परिणाम क्या हो सकता है, कुछ संस्थानों को अब पता लगेगा क्योंकि सरकार ने ऐसे ही संस्थानों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है। जो संस्थान कुछ सालों से इनकम टैक्स रिटर्न नहीं जमा कर रहे थे, उन संस्थानों की विदेशी फंडिंग पर सरकार ने रोक लगा दी है। दरअसल, कई ऐसे सामाजिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक आदि संस्था हैं जिनको विदेशी अंशदान(विनियम) अधिनियम 2010 (एफसीआरए), के तहत  विदेशी चंदा प्राप्त होते हैं। किंतु इस अधिनियम के तहत ही ऐसे संस्थाओं को इस विदेशी चंदें का लेखा-जोखा भी सरकार को देना पड़ता है। ऐसे में इनकम टैक्स रिटर्न न जमा करने पर सरकार ने इस अधिनियम के तहत ही इन सैकड़ों संस्थानों का लाइसेंस रद्द कर दिया है।

इन संस्थाओं में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर), इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू), पंजाब विश्वविद्यालय, गार्गी कॉलेज (दिल्ली), लेडी इर्विन कॉलेज (दिल्ली), एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टिट्यटू एंड रिसर्च सेंटर, गांधी पीस फाउंडेशन, नेहरू युवा केंद्र संगठन, आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे फंड, स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, (दिल्ली), फिक्की सोशियो इकोनॉमिक डेवलपमेंट फाउंडेशन, दून स्कूल ओल्ड ब्वॉयज एसोसिएशन, श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज, (दिल्ली), डॉक्टर जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया इंटरनेशनल ट्रस्ट, महात्मा गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (गुजरात), श्री सत्य साई ट्रस्ट इत्यादि शामिल हैं।

बता दें कि इस एक्शन से पहले गृह मंत्रालय के तरफ से कई बार ऐसे संस्थानों को नोटिस जारी किया गया था। किंतु संस्थानों ने नोटिस पर ध्यान नहीं दिया। इसलिए गृह मंत्रालय ने इसपर सख्त रवैया अपनाने  का सोचा है। गौरतलब है कि अगर किसी शैक्षणिक संस्था को अपने किसी पूर्व छात्र से भी विदेशी चंदा लेना है तो भी चंदा लेने के लिए एफसीआरए संख्या की जरूरत होती है।

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