देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी सीबीआई जहां किसी भी केस को सुलझाने में सक्षम हैं लेकिन ये सर्वोच्च जांच एजेंसी अपने अंदरुनी झगड़े में ही उलझ कर रह गई है.. देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी सीबीआई फिलहाल ओहदे की जंग में फंसी दिख रही है।  एजेंसी ये तय नहीं कर पा रही कि अभी उसका असली बॉस कौन है। जांच एजेंसी ने इस संबंध में सीवीसी को एक पत्र लिखकर कहा है कि उसके दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को निदेशक आलोक वर्मा की अगुआई करने का अधिकार नहीं है।

आलोक वर्मा की सीबीआई में नंबर टू स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना और सीवीसी के साथ पहले से तनातनी चली आ रही है और नया पैगाम जारी तनातनी की अगली कड़ी है।  महज दो महीने पहले आलोक वर्मा की मर्जी के खिलाफ डेप्युटी इंस्पेक्टर जेनरल और ज्वायंट डायरेक्टर स्तर के अधिकारियों को हटाया गया था. आलोक वर्मा फिलहाल विदेश की यात्रा पर हैं और अपनी गैरमौजूदगी में नए अधिकारियों की बहाली के लिए होने जा रही सीवीसी की बैठक पर उन्होंने ऐतराज जताया है. माना जा रहा है कि दरअसल ऐसा करके आलोक वर्मा ने राकेश अस्थाना के खिलाफ हमला बोला है क्योंकि उनकी गैरमौजूदगी में राकेश अस्थाना को ही सीबीआई का काम संभालना है।

सीबीआई में सीवीसी की हरी झंडी के बाद ही विभिन्न पदों पर नियुक्तियां की जाती हैं।  सीबीआई ने साथ में यह भी कहा कि जांच एजेंसी जिन अधिकारियों की भर्ती करने जा रही है, उनमें से कईयों के खिलाफ आरोपों की जांच चल रही है। उनमें से एक अस्थाना भी हैं जिनके खिलाफ भी कई मामलों में जांच चल रही है। सीबीआई ने कहा कि अस्थाना आलोक वर्मा की जगह लेने के काबिल नहीं हैं। सीबीआई ने सीवीसी को कहा कि आलोक वर्मा की गैर-मौजूदगी में अस्थाना अधिकारियों की भर्ती नहीं कर सकते हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here