Ashish Mishra: पिछले साल यूपी के लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को जेल से रिहा कर दिया गया है। जेल से रिहा होने के बाद आशीष एसयूवी में बैठे और रवाना हो गए। आशीष मिश्रा के वकील अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि अदालत ने तीन-तीन लाख रुपये की दो जमानत की मांग की थी, लेकिन आशीष के शहर छोड़ने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया। निचली अदालतों द्वारा अनुरोधों को खारिज करने के बाद, आशीष मिश्रा को पिछले हफ्ते इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जमानत दी गई थी।
Ashish Mishra को जमानत पाने का अधिकार- अदालत
अदालत ने पुलिस के दावों पर भी सवाल उठाया था कि आशीष ने एसयूवी के ड्राइवर को किसानों को कुचलने के लिए उकसाया। अदालत ने कहा, आशीष मिश्रा, जब समन किया गया, जांच अधिकारियों के सामने पेश हुए और आरोप पत्र दायर किया गया था। अदालत ने कहा, “ऐसी परिस्थितियों में, इस अदालत का विचार है कि आवेदक जमानत पर रिहा होने का हकदार है।” जमानत मिलने के बाद आशीष के वकील ने दावा किया कि “मेरे मुवक्किल के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं है।”

आशीष मिश्रा की जमानत पर किसानों और विपक्षी नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई। किसान नेता राकेश टिकैत ने आज कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा “जल्द ही” अपील दायर करने के लिए दस्तावेज इकट्ठा कर रहा है। किसानों ने दावा किया है कि पुलिस पर मामले को कमजोर करने के लिए दबाव डाला गया और इसके कारण आशीष मिश्रा को जमानत मिल गई।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, रालोद प्रमुख जयंत चौधरी , तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि बीजेपी आशीष को बचाने का काम कर रही है। बता दें कि पिछले साल 3 अक्टूबर को, आशीष मिश्रा कथित रूप से एक एसयूवी चला रहे थे, जो लखीमपुर खीरी में चार किसानों और एक पत्रकार को कुचल गई थी।

सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के कुछ दिनों बाद ही आशीष को गिरफ्तार कर लिया गया था। किसानों को कार से टकराते हुए दिखाने वाले वीडियो काफी वायरल हुए थे जिससे भाजपा, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार, और पीएम मोदी की भी तीखी आलोचना हुई।
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