Arindam Bagchi: पैंगोंग झील के इलाके में चीन तेजी से पुल बना रहा है। पूर्वी लद्दाख में 20 महीने की तनातनी के बाद अब भी दोनों देशों के बीच गतिरोध जारी है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या चीन फिर कोई दुस्साहस की तैयारी कर रहा है? इस पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पैंगोंग झील पर चीन द्वारा एक पुल बनाए जाने की खबर के बाद भारत सरकार इसकी बारीकी से निगरानी कर रही है। इस पुल का निर्माण उन इलाकों में किया जा रहा है जो करीब 60 साल से चीन के अवैध कब्जे में है। भारत सरकार देश के हित की सुरक्षा के लिए काम कर रही है।
LAC पर चीन का अवैध निर्माण
बता दें कि अरुणाचल प्रदेश से लेकर लद्दाख तक 3,488 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) अधिकतर जगह जमीन और पर्वतों से होकर गुजरती है, लेकिन पैंगोंग झील अनोखी जगह है। यहां भारत और चीन की सीमाएं पानी में हैं। LAC इस झील में कहां से गुजरती है, इसे लेकर भारत और चीन के अलग-अलग दावे हैं। चीन की ओर से लगातार अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अवैध निर्माण का कार्य किया जाता रहा है। जिसका भारत सरकार विरोध करती है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता Arindam Bagchi ने कहा कि हमने पिछले सप्ताह चीन का अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों के नामकरण की रिपोर्टें देखी हैं। इस तरह के अप्रतिरक्ष्य क्षेत्रीय दावों का समर्थन करने वाली हास्यास्पद कवायद पर हमने अपने विचार व्यक्त किए थे।
Arindam Bagchi: गलवान घाटी में हुई थी झड़प
गौरतलब है कि पिछले साल LAC पर गलवान घाटी में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद से भारत ने सीमा पर आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए चीन को उसकी जमीनी हैसियत का अंदाजा करवा दिया है। क्योंकि उसी झड़प में भारतीय सैनिकों के पराक्रम से बड़ी तादाद में चीन के सैनिक मारे गए थे लेकिन चीन ने उसकी जानकारी छिपा ली थी। अब एक बार फिर चीन अवैध निर्माण कर रहा है। विदेश मंत्रालय ने साफ-साफ कहा है कि सीमा पर पैंगोंग झील के पास चल रहे निर्माण पर हमारी नजर है।
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