Amit Shah: केंद्र सरकार ने असम, मणिपुर और नागालैंड में विवादास्पद सैन्य कानून AFSPA को लेकर बड़ा फैसला किया है। बीते दिन 31 मार्च को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि भारत सरकार ने दशकों बाद नागालैंड, असम और मणिपुर राज्यों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम के तहत अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला किया है।
गृहमंत्री ने आगे कहा कि, पीएम नरेंद्र मोदी की अटूट प्रतिबद्धता है जिसके चलते यह बड़ा फैसला लिया गया है। अब असम, मणिपुर व नागालैंड में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (Armed Forces Special Powers Act) के तहत आने वाले इलाके घटा दिए गए हैं। उन्होंने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया पर दी है।
Amit Shah ने किया ट्वीट
अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम’ के तहत आने वाले क्षेत्र कम करना, सुरक्षा की स्थिति में सुधार होना प्रधानमंत्री द्वारा उत्तर पूर्व में स्थायी शांति और उग्रवाद को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयास और कई समझौतों के विकास का परिणाम है। दशकों बाद नागालैंड, असम और मणिपुर में अधिनियम (AFSPA) हटाया गया है। बता दें कि “अशांत क्षेत्र” वह क्षेत्र होते हैं, जहां “नागरिक शक्ति की सहायता में सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक है।”

AFSPA क्या है
AFSPA में सुरक्षा बलों को बिना कोई पूर्व वारंट दिए ऑपरेशन करने और किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार होता है, इसमें सुरक्षा बलों को किसी परिसर में प्रवेश करने और तलाशी लेने की भी अनुमति होती है। इसके अलावा सुरक्षा बलों को किसी की हत्या करने पर, उन्हें (सुरक्षा बलों) गिरफ्तारी और अभियोजन से छूट प्रदान करता है।

इस अधिनियम में दिए गए “कठोर” प्रावधानों के चलते पूर्वोत्तर के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर में कानून को पूरी तरह से वापस लेने के लिए विरोध किया जा रहा था। यह अधिनियम जम्मू-कश्मीर के अलावा नागालैंड, असम, मणिपुर (इंफाल के सात विधानसभा क्षेत्रों को छोड़कर) और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में लागू है।
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