Amit Shah:जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक आजकल चर्चा में हैं। इसके दो कारण हैं एक तो उन्होंने पुलवामा हमले को लेकर मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं वहीं, दूसरा कि मलिक को एक भ्रष्टाचार के मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई ने समन भेजा है। मलिका द्वारा पुलवामा मामले को लेकर मोदी सरकार पर लगाए आरोपों का गृह मंत्री अमित शाह ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि जब वे सत्ता में थे तब उनकी अंतरात्मा क्यों नहीं जागी?
Amit Shah: गवर्नर रहते हुए क्यों चुप थे मलिक-शाह
अमित शाह ने आज एक साक्षात्कार में सत्यपाल मलिक से जुड़े सवालों का भी जवाब दिया। मालूम हो 2019 के पुलवामा हमले के बारे में पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की टिप्पणियों ने एक राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। एक न्यूज वेबसाइट के साथ एक साक्षात्कार के दौरान मलिक ने दावा किया कि सुरक्षा चूक के कारण पुलवामा हमला हुआ जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हुए। उन्होंने कहा कि अर्धसैनिक बल द्वारा आवागमन के लिए एक विमान के अनुरोध को सरकार द्वारा मना कर दिया गया, जिसके कारण सैनिकों को सड़क मार्ग से यात्रा करनी पड़ी।
वहीं, इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा,”आपको उनसे(मलिक) पूछना चाहिए कि उनको ये सारी बातें हमारा साथ छोड़ने के बाद ही क्यों याद आ रही हैं? अंतरात्मा उस वक्त क्यों जागृत नहीं होती जब लोग सत्ता में होते हैं।”
शाह ने मलिक की विश्वसनियता पर सवाल उठाते हुए कहा,”इस पर जनता को सोचना चाहिए। सत्यपाल मलिक की बात सही है तो वे गवर्नर रहते हुए चुप क्यों रहे? सत्यपाल मलिक को राज्यपाल रहते हुए ही इस विषय पर बोलना चाहिए था।” शाह ने आगे कहा,”ये सब सार्वजनिक चर्चा के विषय नहीं हैं।”
गृह मंत्री ने कहा,”मैं देश की जनता को इतना जरूर बताना चाहूंगा कि बीजेपी की सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया है जिसे छिपाना पड़े।” शाह ने आगे कहा,”आप पद पर नहीं होते हैं तब आरोप की वैल्यू और वैल्यूएशन दोनों गिरते हैं।”
मलिक को इस मामले में सीबीआई ने भेजा समन
दरअसल, सत्यपाल मलिक जब जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे तब उन्होंने 2018 में उद्योगपति अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी द्वारा एक अनुबंध रद्द कर दिया था। एफआईआर में, सीबीआई ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के साथ-साथ ट्रिनिटी रीइंश्योरेंस ब्रोकर्स को जम्मू-कश्मीर सरकार के कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए एक चिकित्सा बीमा योजना शुरू करने में कथित घोटाले के आरोपी के रूप में नामित किया। मलिक ने बीमा योजना में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था, जिसके बाद सीबीआई की कार्रवाई हुई।
मालूम हो कि लगभग 3.5 लाख कर्मचारियों को कवर करने वाली यह योजना सितंबर 2018 में शुरू की गई थी और सत्यपाल मलिक द्वारा इसे एक महीने के भीतर रद्द कर दिया गया था।
उस समय,राज्यपाल मलिक ने कहा था कि राज्य सरकार के कर्मचारी चाहते थे कि अनुबंध को रद्द कर दिया जाए क्योंकि उन्होंने इसमें धोखाधड़ी पाया और विवरण के माध्यम से उन्होंने भी यही निष्कर्ष निकाला। मलिक ने कहा था, “मैंने खुद फाइलें देखीं और जब मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि अनुबंध गलत तरीके से दिया गया था, तो मैंने इसे रद्द कर दिया।”
यह भी पढ़ेंः
J&K के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को CBI ने भेजा समन, जानें क्या है पूरा मामला?
“हम देश के टुकड़े नहीं चाहते”, ईद पर CM ममता का वादा-मैं अपनी जान…