Allahabad High Court ने अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के मामले में जेल में बंद उनके शिष्य रहे Anand Giri की जमानत अर्जी पर जवाब दाखिल करने के लिए CBI ने दो सप्ताह का समय मांगा है। कोर्ट अब उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई अगली तिथि पर होगी। मामले की सुनवाई जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की एकल खंडपीठ कर रही है।
Anand Giri ने विशेष न्यायालय द्वारा जमानत अर्जी खारिज किए जाने के बाद हाईकोर्ट में अपनी जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है। मामले में अब तब दो बार सुनवाई हो चुकी है। आनंद गिरि के अधिवक्ताओं की ओर से तर्क दिया गया है कि आनंद गिरि निर्दोष है और घटना से उसका कोई लेना-देना नहीं है।
Anand Giri खुद को बेकसूर बता रहा है
Anand Giri का कहना है कि उसे जानबूझकर फंसाया जा रहा है। तीन दिसंबर को कोर्ट में सुनवाई के बाद सीबीआई ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था। कोर्ट ने पहली बार तीन हफ्ते का समय दिया था। सोमवार को एक बार फिर सीबीआई के अधिवक्ता संजय कुमार यादव की मांग पर दो हफ्ते का समय दे दिया।

इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महंत नरेंद्र गिरि केस में 3 दिसंबर को सुनवाई करते हुए गिरफ्तार आनंद गिरि की जमानत अर्जी पर CBI से 4 हफ्ते में जवाब मांगा था। कोर्ट में सुनवाई न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने आनन्द गिरी उर्फ अशोक कुमार चोटिया की जमानत अर्जी पर की थी। अर्जी पर अधिवक्ता विनीत विक्रम, इमरानुल्ला खान व CBI की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व संजय यादव ने बहस की।
इससे पहले Allahabad High Court ने महंत नरेंद्र गिरि केस में 3 दिसंबर को सुनवाई करते हुए गिरफ्तार Anand Giri की जमानत अर्जी पर CBI से 4 हफ्ते में जवाब मांगा था। कोर्ट में सुनवाई न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने आनन्द गिरी उर्फ अशोक कुमार चोटिया की जमानत अर्जी पर की थी। अर्जी पर अधिवक्ता विनीत विक्रम, इमरानुल्ला खान व CBI की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व संजय यादव ने बहस की।
Anand Giri का कहना है कि उसे फंसाया गया है
मामले में याचिकाकर्ता आनंद गिरि का कहना था कि उसे फंसाया गया है और वो खुदकुशी नोट संदिग्ध है जिसमें उसका नाम आया है। इसके अलावा याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। घटना के समय वह शहर से दूर हरिद्वार में था। खुदकुशी नोट में कटिंग है और अगस्त 2021 में मर चुके संत का भी नाम आया है। नोट मृतक महंत के द्वारा नहीं लिखा गया है। आनंद गिरी 22 सितंबर 2021 से जेल में बंद हैं। विशेष अदालत इलाहाबाद ने 11 नवंबर 2021 को जमानत अर्जी खारिज कर दी थी, जिसके बाद यह अर्जी दाखिल की गई थी।
वहीं अक्टूबर में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में CJM ने आनंद गिरि और दो अन्य आरोपियों के पॉलीग्राफिक परीक्षण के लिए सीबीआई के आवेदन को खारिज कर दिया था।

उस मामले में आरोपी आनंद गिरि के वकील सुधीर श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया था कि महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले में सीबीआई ने आरोपी द्वारा हिरासत में तथ्यों को छिपाने का हवाला देते हुए पॉलीग्राफ टेस्ट की अपील की थी। लेकिन यह टेस्ट केवल अभियुक्तों की सहमति से किया जा सकता है और इसलिए सीजेएम ने Video Conference के माध्यम से आरोपियों से बात की और पूछा कि क्या वे इसे चाहते हैं और उनके मना करने पर कोर्ट ने सीबीआई की अर्जी खारिज कर दी है।
CBI ने Anand Giri के पॉलीग्राफी टेस्ट की अनुमति की मांगी थी
सीबीआई ने मामले में कोर्ट से पॉलीग्राफी टेस्ट की अनुमति की मांगी थी। सीबीआई की तरफ से ओर से अदालत में अर्जी दी गयी थी। वहीं CJM कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों आनंद गिरि, आद्या प्रकाश तिवारी व संदीप तिवारी को 27 सितंबर को कोर्ट ने पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया था। जबकि सीबीआई की तरफ से पूछताछ के लिए 10 दिनों की रिमांड मांगी गयी थी।
महंत नरेंद्र गिरि की मौत के आरोप में आनंद गिरि को 22 सितंबर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। आनंद गिरि के साथ ही दूसरे आरोपी लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी को भी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।

गौरतलब है कि 20 सितंबर 2021 को प्रयागराज के श्री बाघम्बरी मठ में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि संदिग्ध अवस्था में कमरे की छत से लटके पाये गये थे। काफी शोर-शराबे के बाद और मामले में यूपी पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी की संलिप्तता के बाद योगी सरकार ने इस मामले में 25 सितंबर को सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी थी।
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