Allahabad HC: मथुरा-वृंदावन में शराब और मांस की बिक्री पर रोक के खिलाफ याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा धर्मों का सम्‍मान जरूरी

Allahabad HC: याचिका में कहा गया कि स्थानीय पुलिस लोगों को परेशान कर रही है। उन्हें ऐसा करने से रोका जाए तथा दारू एवं मांस की बिक्री पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाए। कहा कि अपनी पसंद का खाना लोगों के मौलिक अधिकार का हिस्सा है।

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Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा और वृंदावन के 22 वार्डों में प्रदेश सरकार द्वारा शराब और मांस की बिक्री पर रोक लगाने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी है।
कोर्ट ने कहा कि भारत विविधताओं का देश है। यदि देश में एकता बनाए रखना है तो सभी समुदायों और धर्मों का समादर बहुत जरूरी है। देश में विविधताओं के बावजूद एकता यहां की खूबसूरती है। ये आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिन्कर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मथुरा के एक सामाजिक कार्यकर्ता शाहिदा की जनहित याचिका पर दिया है।

Allahabad HC: स्थानीय पुलिस पर लगाया तंग करने का आरोप

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याचिका में कहा गया कि स्थानीय पुलिस लोगों को परेशान कर रही है। उन्हें ऐसा करने से रोका जाए तथा दारू एवं मांस की बिक्री पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाए। कहा कि अपनी पसंद का खाना लोगों के मौलिक अधिकार का हिस्सा है।

कोर्ट ने कहा कि वह सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध की वैधता पर विचार नहीं कर रही।क्योंकि याचिका में प्रतिबंध लगाने संबंधी शासनादेश को चुनौती नहीं दी गई है।कोर्ट ने कहा मथुरा- वृंदावन एक पवित्र स्थान है, वहां बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं।

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मालूम हो कि 10 सितंबर 2021 को प्रदेश सरकार ने मथुरा -वृंदावन कृष्ण जन्म भूमि के 10 स्क्वायर किलोमीटर के दायरे में दारू व मांस की बिक्री पर रोक लगा दी थी। मथुरा के फूड प्रोसेसिंग अधिकारी, खाद्य सुरक्षा एवं ड्रग ने आदेश पारित कर मांस बेचने वाली दुकानों के पंजीकरण को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया था। स्थानीय प्रशासन के इस आदेश से दुखी होकर याची ने सामाजिक कार्यकर्ता की हैसियत से जनहित याचिका दाखिल की थी।

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