Allahabad HC: हाईकोर्ट ने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में सचिव से पूछा है कि धारा 148 के तहत अवैध और मनमानी का नोटिस जारी करने वाले आयकर विभाग के अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी ?आयकर विभाग के अधिकारियों से भी नोटिस की वैधता के खिलाफ याचिका पर दो हफ्ते में जवाब मांगा है, कहा है कि जवाब दाखिल न होने पर स्पष्टीकरण के साथ विपक्षी अधिकारी कोर्ट में पेश हों।
कोर्ट ने आयकर विभाग द्वारा जारी नोटिस पर लगी रोक बढ़ा दी है।याचिका की सुनवाई अब 4 मई को होगी। ये आदेश न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने कटियार कोल्ड स्टोरेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की याचिका पर दिया है।
Allahabad HC: आयकर रिटर्न का नहीं किया जिक्र
याची का कहना है कि वह हर साल आयकर रिटर्न जमा करता है। वर्ष 2017-18 के लिए उसे नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया, कि उसने अपने बैंक खाते में 12 करोड़, 50लाख, 14हजार 500 रुपये नकद जमा किए, लेकिन रिटर्न में इसका जिक्र नहीं किया है।
याची ने अपने जवाब में कहा कि उसने ऐसी कोई राशि बैंक खाते में जमा नहीं की है। इस आपत्ति को अधिकारियों ने निरस्त कर दिया और आयकर जमा करने का आदेश दिया। जिसे चुनौती दी गई।
कोर्ट ने आयकर विभाग से जानकारी मांगी। जब जानकारी पेश की गई तो खुलासा हुआ कि वे पैसे दूसरी कंपनी मेसर्स एस आर कोल्ड स्टोरेज प्रा लि ने जमा किए हैं।
जिसके मालिक विश्वनाथ सिंह कटियार उर्फ मुन्नू मियां हैं। इससे याची कंपनी का कोई सरोकार नहीं है।बिना ठोस आधार के आयकर विभाग ने याची को धारा 148 का नोटिस जारी कर कर वसूली आदेश पारित किया है।
कोर्ट ने कहा यह कार्रवाई न केवल अवैध व मनमानी है, याची को परेशान करने के लिए की गई है। कोर्ट ने भारत सरकार के अधिवक्ता के दोनों सुनवाई के दौरान कोर्ट में हाजिर न होने का उल्लेख करते हुए कहा कि आदेश की प्रति सचिव वित्त मंत्रालय भारत सरकार को भेजी जाए। कोर्ट ने आयकर विभाग के अधिकारियों और भारत सरकार को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया है।
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