Air Pollution पर सुनवाई के दौरान SC ने की सख्त टिप्पणी, कहा- 24 घंटे का समय देते हैं सरकारें फैसला लें, पढ़ें 5 बड़ी बातें

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गुरुवार को वायु प्रदूषण (Air Pollution) मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा की प्रदूषण को कम करने के लिए जुर्माना लगाना कोई हल नहीं है। कोर्ट को टास्क फ़ोर्स के बारे में भी केंद्र की तरफ से बताया गया। हालांकि कोर्ट ने इस मामले पर स्वतंत्र टास्क फोर्स बनाने के संकेत दिए। कोर्ट की इस टास्क फोर्स का केंद्र और दिल्ली ने विरोध किया। पढ़ें खबर से जुड़ी पांच बड़ी बातें:

  1. CJI ने कहा कि जब मामले की सुनवाई शुरू हुई कई निर्देश जारी हुए, कई प्रयास हुए लेकिन आपको लगता है कि क्या प्रदूषण कम हुआ? अब तो पराली नहीं जलाई जा रही है, लेकिन प्रदूषण का स्तर क्यों बढ़ रहा है? SG ने कहा कि इंडस्ट्रियल प्रदूषण और परिवहन प्रदूषण ही मुख्य कारक है, वायु प्रदूषण है।
  2. याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि AQI का स्तर खराब बना हुआ है। सेंट्रल विस्टा का प्रोजेक्ट जारी है। आम आदमी की जान की कीमत पर प्रोजेक्ट जरूरी नहीं है। विकास सिंह ने कहा कि AQI का स्तर 500 के पार पहुंच गया है। विकास सिंह ने कहा कि प्रदूषण के स्तर को जल्द से जल्द रोक लगाने के लिए टास्क फोर्स की सख्त जरूरत है। कम से कम 15 दिनों के लिए ही सही।
  3. SG ने कहा कि हायर अथॉरिटी से बात करने के किये समय दीजिए। CJI ने कहा की अगर आपातकालीन स्थिति है तो उसी रफ्तार से आपको काम करना होगा। CJI ने कहा कि हम कल सुबह इस मामले की सुनवाई फिर करेंगे। सुबह अगर आप चाहें तो हम 10 बजे भी मामले की सुनवाई शुरू करेंगे।
  4. दिल्ली की तरफ से अस्पतालों के निर्माण की इजाजत मांगते हुए कहा गया कि आपात स्थिति के लिए तैयार होने के लिए अस्पतालों के निर्माण की जरूरत है। हम कोर्ट को उन अस्पतालों के नाम दे देंगे। कोर्ट ने कहा कि हम इंडस्ट्रियल प्रदूषण और ट्रांसपोर्ट प्रदूषण को लेकर चिंतित हैं।
  5. CJI ने दिल्ली सरकार से कहा कि स्कूल और ऑफिस को लेकर अपना पक्ष रखें। कोर्ट ने कहा कि 24 घंटे का समय देते हैं या तो सरकारें फैसला लें नहीं तो हम आदेश जारी करेंगे।

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