Agniveer Training: केंद्र सरकार ने अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) के तहत अग्निवीरों (Agniveer) को भारतीय मिलिट्री के तीनों अंगों में भर्ती करने का फैसला किया है। सरकार के द्वारा लिए गए इस फैसले को लेकर पूरे देश में सेना में नौकरी चाहने वाले छात्र सड़कों से लेकर रेलवे स्टेशन तक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा था कि अग्निवीरों की ट्रेनिंग कैसे होगी? अब इन सवालों के जवाब नेवी चीफ हरि कुमार ने दी है।
एक टीवी साक्षात्कार में भारतीय नौसेना (Indian Navy) के प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने़ कहा कि अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) काफी बदलाव वाली योजना है। इस योजना के तहत पहले की तुलना में 3 से 4 बार ज्यादा भर्तियां कर सकेंगे। जवानों की पर्सनैलिटी डेवलप होगी। चार साल की सेवा के बाद वो फैसला कर पाएंगे कि उन्हें सेना में रहना है या नहीं।
चार साल के बाद रोजगार की दिक्कत नहीं होगी: नौसेना प्रमुख हरि कुमार
नौसेना प्रमुख हरि कुमार ने कहा कि चार साल के बाद अग्निवीर (Agniveer)को सेना में भर्ती सिर्फ नौकरी का मौका नहीं है। यह देश की सेवा है। आपको देश के लिए योगदान देना होता है। जो युवा इसमें चयन किए जाएंगे उन्हें चार साल के बाद भी फायदा होगा।
नौसेना प्रमुख का कहना है कि इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य है देश में राष्ट्रवादी लोकाचार को विकसित करना। समुदायों और सेना के बीच के संबंध को ज्यादा मजबूत बनाना। आपके पास चार साल के बाद भी कई तरह के विकल्प रहेंगे, जिन्हें आप अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं। चार साल के बाद कई राज्यों, मंत्रालयों और उद्योग जगत के लीडर्स ने अग्निवीरों को नौकरी देने का वादा किया है। जो देश सेवा करना चाहता है, उसके लिए रास्ते खुले हैं।
हरि कुमार ने बताया कि 25 फीसदी लोगों को सेना में रखा जाएगा और बाकी 75 फीसदी को वापस भेज देने के सवाल पर कहा कि हम एक पारदर्शी प्रक्रिया रखना चाहते हैं। कोई जवान क्या प्रदर्शन करता है, उसका व्यवहार कैसा है। वह देश की और सेना की सेवा करना चाहता है या नहीं, हम यह सब देखेंगे। अग्निवीरों के पास इस बात का विकल्प रहेगा कि वो देश सेवा के लिए सेना में वॉलंटियर करना चाहता है या फिर बाहर जाना चाहता है। विकल्प होना हमेशा ही एक बेहतर बात रही है।
नौसेना प्रमुख हरि कुमार – अग्निपथ स्कीम को आर्थिक बिंदु से नहीं देखना चाहिए
पेंशन में कटौती पर उन्होंने कहा कि रक्षामंत्री ने स्पष्ट कर दिया था कि हमें इस मुद्दे को आर्थिक बिंदु से नहीं देखना चाहिए। पैसा किसी तरह से कोई दिक्कत नहीं है। हमें अत्याधुनिक सैनिक तैयार करने हैं। जो AI और नई तकनीकों आदि से वाकिफ हों।
पायलट प्रोजेक्ट को बेहतर बताते हुए कहा कि में हमारे पास कई तरह के विकल्प हैं। अगर आप पायलट प्रोजेक्ट शुरु करते हैं तो आपके पास तुरंत फौज में दो तरह के वर्ग पैदा हो जाते हैं। इसमें वरिष्ठता और सैलरी आदि का मुद्दा उठता है इसलिए इस पर आगे बढ़ना था।
CAPF को लकेर नौसेना प्रमुख ने कहा कि हम एकदम अलग पद्धति से काम करते हैं। हमारी असीमित जिम्मेदारियां हैं, जो हमें प्रोफेशनली एकदूसरे से अलग बनाती है। जिसे भी अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीर बनना है, वो खुद से प्रेरित होकर आए। कई राज्यों, मंत्रालयों और उद्योग जगत के लीडर्स ने अग्निवीरों के लिए कई तरह की घोषणाएं की हैं।
चार साल के बाद बेरोजगारी के सवाल पर उन्होंने बताया कि 80 हजार से एक लाख सेना के जवान रिटायरमेंट के बाद अलग-अलग जगहों पर नौकरी कर रहे हैं। इमरजेंसी की हालत में इन्हें वापस भी बुलाया जा सकता है। इस बीच, रूस औ यूक्रेन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वहां जो हुआ उस लेकर कोई भी निष्कर्ष निकालना अभी जल्दबाजी होगी। ये कोई खबर नहीं है। ऐसे हालात कई देशों में हैं। हमारे पास इस तरह की भर्तियों का इतिहास रहा है।
Agniveer Training: 22 हफ्ते की शुरुआती ट्रेनिंग, पांच हफ्ते बाद फिर होगा प्रशिक्षण
अग्निवीरों की ट्रेनिंग पर एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा कि इनकी 20 हफ्ते की सामान्य ट्रेनिंग होगी। इसके अलावा दो हफ्ते की अलग से ट्रेनिंग कराई जाएगी। कुल मिलाकर 22 हफ्ते की ट्रेनिंग होगी। इसके बाद उसे सीधे सेना में पोस्टिंग दी जाएगी। इसके बाद की ट्रेनिंग पांच हफ्ते बाद दी जाएगी।
भारत के युवाओं को नौसेना प्रमुख ने कहा कि अग्निपथ स्कीम बड़े बदलाव वाली स्कीम है। यह हर युवा को देश सेवा का
मौका देगा। हमारे साथ युवा आकर काम करें, स्किल्स सीखें, आत्मविश्वास हासिल करके खुद को बेहतर बनाएं। इससे
बेहतरीन मौका भी मिलेगा साथ ही जीवन बनाने का एक यह एक शानदार मौका है। इस योजना से किसी भी छात्र को परेशान होने की कोई आवश्कता नहीं है।
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