Agneepath Scheme: सेना में भर्ती के लिए लाई गई नई योजना अग्निपथ योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं, जिस पर मंगलवार को कार्ट ने सुनवाई के दौरान कई अहम बातें कहीं। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अग्निपथ योजना के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट को ट्रांसफर कर दिया है यानी अब इस पूरे मामले का फैसला हाईकोर्ट करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की जाए और इसका निपटारा किया जाए।
गौरतलब है कि अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली तीन याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए लगी हुई थीं। जिसमें योजना को रद्द करने जैसी मांगें शामिल थीं। हालांकि सुनवाई से पहले ही कोर्ट को यह जानकारी मिली कि पटना से लेकर केरल तक पांच हाईकोर्ट में याचिकाएं लंबित हैं। इसके बाद SC ने बाकी हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं को भी दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने को कहा है।

Agneepath Scheme : सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को लेकर अड़े वकील
मंगलवार को अग्निपथ स्कीम को लेकर हुई सुनवाई में कोर्ट ने जब अपना फैसला सुनाया तो उस पर याचिकाकर्ता वकील ने असहमति जताई। बताया जा रहा है कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील के बार- बार दखल देने पर SC ने फटकार लगाई। कोर्ट में इस पूरे मामले को लेकर पेश हुए सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि केरल, पटना, दिल्ली समेत कई हाईकोर्ट में याचिकाएं लंबित हैं।
उन्होंने कहा कि या तो हम सबको यहां ट्रांसफर करने के लिए आवेदन दें, या फिर दिल्ली हाईकोर्ट को कहें कि अपने पास लंबित केस जल्दी सुन लें। इसके बाद जज ने कहा कि, ‘हम यह भी कह सकते हैं कि दिल्ली हाईकोर्ट ही सारे केस सुन लें।’ जवाब में याचिकाकर्ता के वकील एम एल शर्मा ने कहा कि, ‘बेहतर हो सुप्रीम कोर्ट ही सारे केस की सुनवाई करे।’

कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ और वकील के बीच काफी देर तक तर्क वितर्क का दौर चलता रहा। जो कि कुछ इस तरह रहा…
जस्टिस चंद्रचूड़- बेहतर होगा पहले किसी हाईकोर्ट को मामला सुनने दें।
वकील- सुप्रीम कोर्ट में ही सुनवाई बेहतर है।
जस्टिस चंद्रचूड़- हम विचार करेंगे
वकील- मेरा केस सबसे अलग है। वैसे भी संभव है कि सुप्रीम कोर्ट में मामला आने के बाद सरकार के कहने पर किसी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी हो।
सॉलिसिटर- उनमें से एक प्रशांत भूषण भी हैं। हम नहीं समझते की वो हमारी सुनेंगे।
वकील एम एल शर्मा- मेरी याचिका को अलग से सुनें।
जज- आप वीर होंगे, लेकिन भविष्य में अग्निवार नहीं बनने जा रहे हैं, थोड़ा सब्र कीजिए।
जज (सॉलिसिटर से)- दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित केसों की लिस्ट हमें दिखाएं।
तीनों जजो ने आपस में चर्चा के बाद आदेश लिखवाना शुरू किया। कोर्ट ने कहा- हमारे सामने आज अग्निपथ योजना के खिलाफ तीन याचिकाएं लगी थीं।

याचिकाकर्ता शेखावत की ओर से कुमुद लता दास ने दखल दिया- वायु सेना में जो भर्ती प्रक्रिया चल रही थी, उसे चलाने की भी हमारी मांग हैं।
जज- हमने सभी वकीलों को सुना। हमें पता चला है कि कई हाईकोर्ट में इस बारे में याचिकाएं दाखिल हुई हैं।
जज- सॉलिसिटर जनरल ने हमें उन सभी मामलों की लिस्ट दिखाई। जो दिल्ली, केरल, पटना, पंजाब, हरियाणा, और उत्तराखंड के हाईकोर्ट में याचिका दायर है साथ ही कोच्चि के आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल में भी एक मामला है।
जज- इतनी जगह सुनवाई सही नहीं होगी। हमारे पास मामले आने से पहले किसी हाईकोर्ट के फैसले को सुनना बेहतर होगा।
जज- हमारे आज के आदेश को सभी हाईकोर्ट में भेज दिया जाए। वहां के याचिकाकर्ता चाहें तो अपना मामला दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर करवा लें या वहां चल रहे मामले में दखल के लिए आवेदन करें।
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