वर्षों बाद रामभक्तों का सपना पूरा होने जा रहा है। इस खुशी में हर इंसान अपनी हैसियत के अनुसार शामिल हो रहा है। राममंदिर निर्माण की खुशी में लोगो दिल खोल कर दान कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब राजस्थान के जोधपुर की रहने वाली आशा कंवर का नाम जुड़ गया है। आशा इस दुनिया में नहीं है लेकिन जाते-जाते उन्हेंने राम के नाम 7 लाख रूपए दान कर दिए।
आशा के घरवालों के मुताबिक उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनके पास जो कुछ भी अपना है वो राममंदिर के लिए दान कर दिया जाए। आशा की अंतिम इच्छा के अनुसार उसके निधन के बाद परिजनों ने उसके गहने बेचकर 7 लाख रुपये से अधिक की राशि राम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण निधि में भेंट किये हैं।
आशा कंवर राम मंदिर बनते हुए देखना चाहती थीं, हालांकि उनके जीते जी ये सपना पूरा नहीं हो पाया। लेकिन मरने के बाद भी आशा ने अपने 7 लाख के गहने मंदिर निर्माण के लिए दान में दिए हैं।
राम मंदिर के लिये राशि जुटाने वाली जोधपुर की टीम के आरएसएस के प्रांत प्रचार प्रमुख हेमंत गोष्ट ने बताया कि बीते दिनों उनके पास एक फोन आया कि वे राम मंदिर निर्माण के लिए दान देना चाहते हैं। आशा के पति विजय सिंह गौड़ ने उनकी अंतिम इच्छा के मुताबिक उनके सभी गहने बेचकर जुटाए गए 7 लाख रुपए दान किए हैं।
जोधपुर के सूरसागर भुरटिया निवासी आशा कंवर का हाल ही में 54 साल की उम्र में बीमारी के कारण निधन हो गया था। अपनी बीमारी दौरान आशा कंवर ने बीती 1 फरवरी को पति विजय सिंह और बेटे के सामने अपनी अंतिम इच्छा जाहिर की थी।
आशा कंवर पिछले दिनों कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गई थी। हालांकि वे इससे उबर भी गई थीं। 3 फरवरी को वो सामान्य चेकअप के लिए फिर अस्पताल गईं थी। वहां फेफड़ों में संक्रमण के चलते उन्हें एडमिट कर लिया गया। उसके अगले दिन ही आशा कंवर की फेफड़ों में संक्रमण के कारण निधन हो गया था।
इससे पहले राम मंदिर निर्माण के लिए अहमदाबाद के हीरा कारोबारी गोविंदभाई ढोढाकिया ने भी 11 करोड़ रुपये का चंदा दिया था। गोंविदभाई ढोढाकिया लंबे समय से आरएसएस से जुड़े हुए हैं।
गौरतलब है कि, जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने आज से ही धन एकत्र करने का अभियान शुरू किया है, जो 27 फरवरी तक पूरे देश भर में चलेगा। इस अभियान के तहत पांच लाख से ज्यादा गांवों में 12 करोड़ से ज्यादा परिवारों से संपर्क साधा जाएगा और उनसे चंदा मांगा जाएगा। इस अभियान के तहत राम मंदिर ट्रस्ट को अबतक 100 करोड़ का चंदा मिल चुका है।
मालूम हो कि, नवंबर, 2019 में राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद पिछले साल जून में यहां पर मंदिर के लिए शिलान्यास कराया गया था. राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है, जिसकी पूरी जिम्मेदारी रामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट देख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मंदिर का शिलान्यास किया था। जल्द ही इसके निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।