अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने की आज 26वीं बरसी है। राम मंदिर निर्माण पर तेज होती चर्चाओं के बीच विश्व हिंदू परिषद ने आज शौर्य दिवस मनाने का फैसला किया है। वहीं विपक्ष ने आज काला दिवस मनाने का फैसला किया है। अयोध्या जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टलने से साधू संत नाराज हैं। राम मंदिर निर्माण को लेकर साधुसंत आंदोलन शुरू कर चुके हैं। हाल ही अयोध्या में वीएचपी ने बड़ी सभा का आयोजन किया था। इसमें करीब एक लाख लोगों के शामिल होने का दावा किया गया। वीएचपी के आज होने वाले शौर्य दिवस के आयोजन में बीजेपी की कोई सीधी भागीदारी नहीं होगी। लेकिन माना जा रहा है कि पीछे से समर्थन जारी रहेगा।

कांग्रेस ने जहां इस मामले में चुप्पी साध रखी है वहीं प्रगतिशील समाज पार्टी (लोहिया) के नेता शिवपाल सिंह यादव ने छह दिसंबर को काला दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है, शिवपाल की पार्टी के एक बड़े नेता ने कहा, ”बहुजन मुक्ति मोर्चा के साथ मिलकर हमारी पार्टी काला दिवस मनाएगी। पार्टी कार्यकर्ता प्रदेशभर में जागरूकता अभियान चलाएंगे और काली पट्टी बांधकर जनता को उनके अधिकारों के प्रति सचेत करेंगे।” वीएचपी के और विपक्ष के आयोजन को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। अयोध्या में सुरक्षा के इंतजाम बढ़ा दिए हैं। बुलंदशहर हिंसा के बाद हो रहे इस आयोजन को लेकर सरकार बेहद सतर्क है।

अयोध्या में सुरक्षा के चाक चौबंद व्यवस्था, धारा 144 लागू
मंदिर निर्माण को लेकर साधु संतों, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) तथा अन्य कई संगठनों के आयोजन के चलते 26वीं बरसी के दिन गुरूवार को अयोध्या की सुरक्षा के लिये चाक चौबंद व्यवस्था की गयी है। प्रशासन ने जिले में धारा 144 लागू कर दी है। अयोध्या में छह दिसंबर की पूर्व संध्या से ही अयोध्या और आसपास के शहरों में निगरानी और सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों ने सुबह विवादित परिसर के आसपास का भ्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। अयोध्या में आने वाले वाहनों को चेकिंग के बाद ही यहां प्रवेश करने दिया जा रहा है। निगरानी के लिए जिले की सीमा पर भी अलग से टीम लगाई गई है। आवंछनीय तत्व अयोध्या में प्रवेश न कर सके इसके लिए सीमावर्ती जिलों से भी समन्वय बनाकर कार्य किया जा रहा है। बाहरी लोगों की निगरानी के लिए अयोध्या नगर ही नहीं बल्कि शहर के भी होटल तथा गेस्ट हाउस संचालकों से संपर्क कर निर्देश जारी किए गए हैं। संवेदनशील स्थानों पर पुलिस ने गश्त जारी है।

पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने अयोध्या तथा फैजाबाद शहर में छह दिसंबर को होने वाले परंपरागत कार्यक्रमों के स्थलों का जायजा लिया। प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है। अयोध्या में बड़ी संख्या में फोर्स की तैनाती की गई है। प्रमुख मंदिरों की ओर जाने वाले रास्ते और बाजार में पुलिस ने बम निरोधक दस्ते तथा डॉग स्क्वायड के माध्यम से चेकिंग कराई। विवादित ढांचा गिराये जाने के दिन छह दिसम्बर को हिन्दू संगठनों ने शौर्य दिवस तथा मुस्लिम संगठनों यौमे गम दिवस मनाने की घोषणा की है। जन्मभूमि स्थल और हनुमानगढ़ी मंदिर समेत नगर का चप्पा- चप्पा संगीनों के सख्त पहरे में है। जगह जगह लगे क्लोज सर्किट टीवी कैमर और ड्रोन के जरिये शरारती और अवांछनीय तत्वों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

विवादित ढांचे के विध्वंस की बरसी की पूर्व संध्या पर अयोध्या में कारसेवा करने की घोषणा करने वाले हिन्दू समाज पार्टी के चार कार्यकर्ताओं को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। इस सिलसिले में मंगलवार को महंत परमहंस दास को भी गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है। मंदिर निर्माण के लिये मांग कर रहे महंत दास ने छह दिसम्बर को आत्मदाह की घोषणा की थी। पुलिस अधीक्षक नगर अनिल कुमार सिसौदिया ने गुरूवार को यहां बताया कि अयोध्या की सुरक्षा के लिये चाक चौबंद व्यवस्था की गयी है। बाहर से आने वालों की तलाशी ली जा रही है।

गौरतल है कि गत 25 नवम्बर को विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) द्वारा आयोजित धर्मसभा के दौरान अयोध्या देश भर में आकर्षण का केन्द्र रही थी। हालांकि इस धर्मसभा में संत मंदिर निर्माण का कोई ठोस रास्ता नहीं सुझा सके थे और न ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बयान के बाद मंदिर निर्माण की कोई तारीख ही तय कर सके। उन्होने बताया कि सुरक्षा के लिये 12 अपर पुलिस अधीक्षक, 15 पुलिस उपाधीक्षक, 170 निरीक्षकों और उपनिरीक्षकों के अलावा दस कम्पनी पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की तैनाती की गयी है। विवादित श्रीरामजन्मभूमि परिसर के आसपास लगे क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के लिये निर्देश दिये गये हैं।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

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